Tariff war sparks market turmoil, now targets pharmaceuticals : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए टैरिफ वॉर ने वैश्विक स्टॉक मार्केट को हिलाकर रख दिया है। चीन ने अमेरिकी टैरिफ का जवाब देने के लिए अपनी दरें बढ़ाईं, जिसके बाद ट्रंप ने टैरिफ को 104 प्रतिशत तक बढ़ा दिया।
अब ट्रंप ने अमेरिका में आयातित फार्मा प्रोडक्ट्स पर भी भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो कई देशों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
नेशनल रिपब्लिकन कांग्रेसनल कमेटी के एक कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा कि यह कदम दवा निर्माताओं को अमेरिकी धरती पर परिचालन वापस लाने के लिए प्रोत्साहन है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा न करने वाली कंपनियों को भारी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।
भारत पर क्या होगा असर?
भारत, जो अमेरिका के लिए दवाओं का प्रमुख सप्लायर है, इस नीति से प्रभावित हो सकता है। 2024 में भारत का कुल फार्मास्युटिकल निर्यात 12.72 बिलियन डॉलर था, जिसमें से 8.7 बिलियन डॉलर की सप्लाई अकेले अमेरिका को गई। इसके विपरीत, अमेरिका से भारत को केवल 800 मिलियन डॉलर के फार्मा प्रोडक्ट्स मिले।
भारत के लिए चुनौती
फिलहाल, भारत अमेरिकी दवाओं पर 10.91 प्रतिशत टैरिफ लगाता है, जबकि अमेरिका भारतीय दवाओं पर कोई टैरिफ नहीं लेता। पहले 2 अप्रैल को ट्रंप ने फार्मा सेक्टर को टैरिफ से बाहर रखा था, लेकिन अब वे इसे बढ़ाने की बात कर रहे हैं। माना जा रहा है कि आज (9 अप्रैल 2025) इसको लेकर कोई बड़ा ऐलान हो सकता है।
अगर ट्रंप फार्मा पर भारी टैरिफ लागू करते हैं, तो भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धा, लाभ मार्जिन और निर्यात पर गहरा असर पड़ सकता है। यह देखना अहम होगा कि भारत इस संकट का जवाब कैसे देता है।