रांची: राज्यपाल (Governor) रमेश बैस (Ramesh Bais) ने कहा कि बैंक में आए व्यक्ति से अच्छा व्यवहार करें। हमारे देश में ग्राहक को भगवान समझा जाता है।
बैंक में आये व्यक्ति भी आपके ग्राहक हैं। उन्होंने कहा कि आज बैंकिंग सेवा (Banking Service) में बदलाव आ गया है।
पहले ऋण (Loan) लेने के लिए लोगों को बैंक जाकर आग्रह करना पड़ता था लेकिन अब बैंक प्रतिनिधि ग्राहक के द्वार पहुंचने लगे हैं।
लोगों की जमा पूंजी हो रही साइबर ठगी का शिकार
बैस शुक्रवार को राजभवन में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारियों एवं बैंक प्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित कर रहे थे। राज्यपाल (Governor) ने कहा कि लोगों की जब उनकी जीवन भर की जमा पूंजी साइबर ठगी का शिकार हो जाती है, तो उनके दुखों की कल्पना नहीं की जा सकती है।
सुनने में आता है कि जामताड़ा साइबर क्राइम (Cyber Crime) की जननी है और विदेशों से भी लोग यहां प्रशिक्षण लेने आते हैं। साइबर अपराध पर नियंत्रण की दिशा में बैंक एवं पुलिस प्रशासन का महत्वपूर्ण दायित्व है।
बैंक पीड़ित व्यक्ति की सहायता करने के लिए तत्पर रहें
उन्होंने कहा कि बैंक पीड़ित व्यक्ति की सहायता करने के लिए तत्पर रहें। उनके साथ टाल-मटोल का रवैया न अपनाएं। उन्होंने कहा कि आज अधिक से अधिक ग्राहक डिजिटल (Digital) लेनदेन भी कर रहे हैं।
अधिकांश वित्तीय सेवाएं ऑनलाइन (Online) उपलब्ध हैं। इसलिए इस स्वयंसेवा मॉडल के युग में, ग्राहक को सुरक्षित वित्तीय लेनदेन करने के लिए भी RBI को पूरी तरह से सक्षम और तैयार होने की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कहा कि उपभोक्ताओं को यह भी समझाने की आवश्यकता है कि इंटरनेट बैंकिंग (Internet banking) का उपयोग सही और सुरक्षित तरीके से कैसे करना है।
लोगों को जागरूक करने की जरूरत है कि वे अपने व्यक्तिगत पहचान पत्र, आधार कार्ड (Aadhar Card), पैन कार्ड (PAN Card) अनावश्यक किसी से साझा न करें।
इस अवसर पर राज्यपाल (Governor) के प्रधान सचिव डॉ. नितिन कुलकर्णी, आरबीआई के महाप्रबंधक संजीव सिन्हा, लोकपाल, आरबीआई, चंदना दासगुप्ता आरबीआई के विभिन्न अधिकारी, विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।