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अंतरराष्ट्रीय बाजार में घट रहा कच्चे तेल का दाम, ग्राहकों को नहीं मिल रहा कोई लाभ

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Price of Crude Oil : गत कई महीनो से देश में पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा पेट्रोल और डीजल (Petrol and Diesel) के उपभोक्ताओं से प्रति लीटर 15 रुपये से अधिक की कमाई पिछले कई महीनों से की जा रही है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम ढाई साल के सबसे निचले स्तर पर हैं। फिर भी ग्राहकों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। ना तो पेट्रोलियम कंपनियों ने दाम घटाए, ना ही सरकार ने दाम कम करने को लेकर कोई कार्यवाही की।

दाम घटाने की बातें हवा हवाई

माना जा रहा था, हरियाणा और जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव मैं पेट्रोल और डीजल के दाम सरकार घटाएगी। जम्मू कश्मीर में दो चरणों का मतदान हो चुका है।

हरियाणा में जल्द ही मतदान होने वाला है। इसके बाद भी अभी तक पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं घटाये गए हैं। पहले संभावना व्यक्त की जा रही थी, दो से तीन रुपए प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल के दाम घटाये जाएंगे।

अब यह कहा जा रहा है, सरकार जल्द ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के पहले 8 से ₹10 प्रति लीटर दाम घटाएगी। यह सब अभी हवा हवाई है।

मार्च से लगातार घट रहा कच्चे तेल का दाम

मार्च माह से लगातार कच्चे तेल के दाम घट रहे हैं। अभी तक इसमें 12 फ़ीसदी की कमी आ चुकी है। रिफाइनरी कंपनियों का मुनाफा भी बढा है।

भारत जिस किस्म के कच्चे तेल का आयात करता है। उसकी औसत कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 74 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है।

मार्च में इसके दाम 84 डॉलर प्रति बैरल थे। सरकार की चुप्पी सभी को आश्चर्य में डाल रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम कम हो जाने से इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पैट्रोलियम, रिलायंस एवं अन्य कंपनियों भारी मुनाफाखोरी कर रही हैं। पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत थोड़ी सी भी बढ़ती थी।

तो रोजाना रेट बढ़ा दिए जाते थे। लेकिन अब इतने बड़े पैमाने पर रेट कम हो गए हैं उसके बाद भी सरकार और पेट्रोलियम कंपनी दोनों ने चुप्पी साथ रखी है।

जिसके कारण सरकार के खिलाफ नाराजी आम जनता में बढ़ती जा रही है। पेट्रोल-डीजल की ज्यादा कीमत होने के कारण खाद्य पदार्थों के रेट भी पिछले कई वर्षों में तेजी के साथ बढ़े हैं।

आम आदमी महंगाई और टैक्स (Inflation and Tax) से त्रस्त है। जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम कम हो गए हैं। तब दाम नहीं घटाये जाने से आम लोगों में आक्रोश औरनाराजगी नाराजगी लगातार बढ़ रही है।

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