रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में बुधवार को हजारीबाग (Hazaribagh) में दिसंबर 2019 में एक नाबालिग को उसके परिचित द्वारा एसिड (Acid) पिलाए जाने के मामले में कोर्ट के स्वत: संज्ञान पर सुनवाई हुई।
मामले की सुनवाई वर्चुअल मोड में
खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार ने मामले के अनुसंधान से संबंधित अपटूडेट जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय की मांग की।
कोर्ट ने सरकार के आग्रह को मंजूर करते हुए मामले की सुनवाई 12 जुलाई निर्धारित की।
सुनवाई के दौरान मामले के अनुसंधानकर्ता कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए। मामले की सुनवाई वर्चुअल मोड में हुई।
इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी
पूर्व में कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि पिछले आदेश के आलोक में पीड़ित का इलाज RIMS में हो रहा है या नहीं।
कोर्ट ने मामले में हजारीबाग DC को निर्देश दिया था कि वह पीड़ित के आगे का ट्रीटमेंट RIMS, रांची में कराएं।
उसके इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। कोर्ट में एमिकस क्यूरी अपराजिता भारद्वाज ने पक्ष रखा।
सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पैरवी की।
AIIMS पटना और RIMS रांची में इलाज हुआ
वर्ष 2019 में हजारीबाग में एक 13 साल की बच्ची जब वह स्कूल से लौट रही थी तो उसके परिचित ने जबरदस्ती उसे एसिड पिला दिया था, जिससे उसकी हालत काफी बिगड़ गई थी।
बाद में उसका AIIMS पटना और RIMS रांची में इलाज हुआ था।
मामले को लेकर हजारीबाग के इचाक थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
एक समाचार पत्र में छपी खबर के आधार पर हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया था।