भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि मध्यप्रदेश (MP) तेजी से प्रगतिपथ पर गतिमान है।
सकल घरेलू उत्पाद (Household Product) की दृष्टि से देखें, तो 2002-03 में यह केवल 71 हजार करोड़ के आसपास था, जो 2022-23 में बढ़कर 13 लाख 22 हजार 821 करोड़ रुपये हो गया है।
प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 2002-03 में 11,718 रुपए थी, जो 2022-23 में बढ़कर 1,40,500 रुपए हो गई। मैं अभी संतुष्ट नहीं हूं। हमें अभी और आगे जाना है, लेकिन हम जिस गति से आगे बढ़ रहे हैं, वह अपने आप में एक रिकॉर्ड (Record) है।
आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) 2022-23 में तेजी से आगे बढ़ते हुए मध्यप्रदेश की तस्वीर दिखाई देती है। Economic Survey के आँकड़े बताते हैं कि सही दिशा में दूरदर्शी सोच के साथ अगर प्रयास किए जाएं तो कठिनाइयों को भी कामयाबी में बदला जा सकता है।
मध्यप्रदेश ने यह करके दिखाया है। मुख्यमंत्री चौहान शुक्रवार को यहां कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में “आर्थिक सर्वेक्षण एवं बजट 2023-24” पर आयोजित परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान (AIGGPA) में उपाध्यक्ष सचिन चतुर्वेदी एवं अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।
बजट बनाने के लिए हमने जनता से सहयोग की अपील
मुख्यमंत्री ने कहा कि आमतौर पर बजट (Budget) रूखा-सूखा और जनता की अरुचि का विषय होता है। लेकिन हम आप तैयार है कि बजट बनाने में जनता की सहभागिता हो।
इसके लिए हमने पिछले वर्षों से इसके लिए कोशिश करना प्रारंभ की और जनता के सुझाव मांगे। बजट बनाने के लिए हमने जनता से सहयोग की अपील की और मुझे प्रसन्नता है कि लगभग 4 हजार से अधिक सुझाव हमारे पास आए।
हमने इन सुझावों में से अधिकांश को क्रियान्वित करने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार के प्रति बढ़ावा देने के लिए हम मुख्यमंत्री युवा अप्रेंटिसशिप योजना शुरू कर रहे हैं, जो ‘करो और कमाओ’ या कहें कि लर्न एंड अर्न पर आधारित है, यानी ‘सीखो और कमाओ’ इसमें प्रतिवर्ष युवा को एक लाख रुपये लाख दिए जाएंगे।
विपक्षियों द्वारा कर्ज लेने का आरोप
उन्होंने कहा कि कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग-व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना, कौशल विकास, सुशासन, विज्ञान-प्रौद्योगिकी, गरीब कल्याण और सार्वजनिक वित्त जैसे अनेकों विषय हैं, जिनमें मध्यप्रदेश ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। कई बार विपक्षियों द्वारा कर्ज लेने का आरोप लगाया जाता है।
ऋण लेने के कई मापदण्ड होते हैं। यदि आप ऋण GSDP का अनुपात देखेंगे, तो 2005 में यह 39.5 प्रतिशत था, लेकिन 2020-21 में यह घटकर 22.6 प्रतिशत हो गया।
मध्यप्रदेश आध्यात्मिक प्रगति की ओर तेजी से बढ़ रहा
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में 2001-02 में औद्योगिक विकास दर -0.61 थी, जो 2022-23 में बढ़कर 22 प्रतिशत हो गई। पिछली बार के बजट का आकार था, दो लाख 79 हजार 237 करोड़ और इस साल का हमारा बजट तीन लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपये का है।
COVID की कठिनाइयों के बावजूद भी राज्य का रेवेन्यू लगातार बड़ा है। राजस्व में वृद्धि की दर 7.94 फीसदी रही। GST के संग्रहण में हम देश के टॉप-5 राज्यों में से एक हैं।
भौतिक और आर्थिक प्रगति के साथ ही मध्यप्रदेश आध्यात्मिक प्रगति (Spiritual Progress) की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए महाकाल महालोक बन रहा है।
भारत को सांस्कृतिक रूप से जोड़ने वाले आचार्य शंकर का एकात्म धाम हम बना रहे हैं। रामराजा लोक, देवी लोक, यहाँ बन रहे हैं।
सड़कों पर ट्रैफिक के बोझ को कम करने के लिए हमारी कोशिश है कि रोप वे, केबल कार आदि का भी उपयोग करें।
महाकाल महालोक बन रहा
उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि भोपाल में बड़े तालाब के एक सिरे से केबल कार चले और एयरपोर्ट पर उतार दे।
भौतिक और आर्थिक प्रगति के साथ ही मध्यप्रदेश आध्यात्मिक प्रगति की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए महाकाल महालोक बन रहा है। भारत को सांस्कृतिक रूप से जोड़ने वाले आचार्य शंकर का एकात्म धाम हम बना रहे हैं। रामराजा लोक, देवी लोक, यहाँ बन रहे हैं।
किसानों के लिए 53,964 करोड़ रुपये का प्रावधान हमने किया है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के लिए 3,200 करोड़ रुपये का प्रावधान, कर्जमाफी के कारण डिफॉल्टर हुए किसानों का ऋण भरने के लिए 2,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
गरीबों के मकान बन सकें, इसके लिए 8,000 करोड़ रुपये का प्रावधान हमने किया है। अनुसूचित जनजाति के लिए 36,950 करोड़ तथा अनुसूचित जाति के लिए ₹26,087 करोड़ रुपये का प्रावधान हमने किया है।