नई दिल्ली: भारतीय नौसेना (Indian Navy) में सोमवार को पांचवीं कलवारी श्रेणी की पनडुब्बी ‘वागीर’ (Submarine ‘Vagir‘) शामिल होने जा रही है।
यह पनडुब्बी सबसे कम समय में बनकर तैयार हुई है। इस पनडुब्बी ‘वागीर’ को पूरी तरह भारत में बनाया गया है।
इसका निर्माण मुंबई (Mumbai) के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) में हुआ है। आयोजति कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार मौजूद रहेंगे।
कलावरी श्रेणी की है ये पांचवी पनडुब्बी
ये कलावरी श्रेणी की पांचवी पनडुब्बी है। इससे पहले चार पनडुब्बियों को Indian Navy में शामिल किया जा चुका है। MDL ने इस पांचवी सबमरीन को 2022 के नवंबर महीने में नौसेना (Navy) को सौंपा था।
कमांडिंग ऑफिसर कमांडर दिवाकर S ने बताया, ये सबमरीन नौसेना और देश की सुरक्षा और जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने ये भी कहा कि इसे आत्मनिर्भर भारत (Self-reliant India) बनने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा सकता है।
पनडुब्बी की क्या है खूबियां
ये वागीर 67 मीटर लंबी है और 21 मीटर ऊंची है। पनडुब्बी (Submarine) पानी के ऊपर 20 किलोमीटर प्रति घंटे और पानी के अंदर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की क्षमता है।
मीडिया रिपोर्ट्स (Media Reports) के मुताबिक, सबमरीन में 50 से ज्यादा सेलर और नौसेना अधिकरी ऑपरेशन कर सकते हैं। साथ ही इसमें 16 टोरपेडोस, माइंस, मिसाइल लैस है।
वागीर ने 22 फरवरी को की पहली समुद्री यात्रा
नए अवतार में लॉन्च की गई ‘वागीर’ (Vagir) पनडुब्बी को अब तक सभी स्वदेशी निर्मित पनडुब्बियों में सबसे कम निर्माण समय में पूरा होने का गौरव प्राप्त है।
समुद्री परीक्षणों की शुरुआत करते हुए 22 फरवरी को पहली समुद्री यात्रा की। इस दौरान सख्त और चुनौती वाले समुद्री परीक्षणों से गुजरी। MDL ने 20 दिसंबर 22 को इस पनडुब्बी को भारतीय नौसेना के सौंपा।