Supreme Court is set to hear the Waqf Amendment Act 2025 : supreme court वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सूचीबद्ध करने को लेकर विचार करने पर सोमवार को राजी हो गया।
वरिष्ठ वकीलों ने की तत्काल सुनवाई की मांग
सिब्बल के अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी और वकील निजाम पाशा ने भी तत्काल सुनवाई के लिए अन्य याचिकाओं का उल्लेख किया।
सुनवाई के लिए बताई गई प्रक्रिया
प्रधान न्यायाधीश ने याचिकाओं को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए मामलों का मौखिक उल्लेख करने के चलन को समाप्त कर दिया है। उन्होंने वकीलों से मामलों को पीठ के समक्ष सूचीबद्ध कराने के लिए पत्र दाखिल करने या मेल भेजने को कहा।
जब सिब्बल ने कहा कि ऐसा पहले ही किया जा चुका है तो प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं दोपहर में उल्लेख पत्र देखूंगा और फैसला करूंगा। हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।’’
कई नेताओं ने दी है चुनौती
पाशा ने लोकसभा सदस्य असदुद्दीन औवेसी की ओर से दायर याचिका का जिक्र किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को शनिवार को अपनी मंजूरी दे दी जिसे पहले संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया था।
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान सहित कई लोगों ने इस अधिनियम की वैधता को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिकाएं दायर की हैं।
संविधान पर हमला बताकर दाखिल की याचिकाएं
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपनी याचिका में कहा है कि यह कानून ‘‘देश के संविधान पर सीधा हमला है। संविधान अपने नागरिकों को न केवल समान अधिकार प्रदान करता है बल्कि उन्हें पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता भी देता है।’’
जमीयत ने कहा, ‘‘यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनने की एक खतरनाक साजिश है इसलिए हमने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है और जमीयत उलमा-ए-हिंद की राज्य इकाइयां भी अपने-अपने राज्यों के उच्च न्यायालयों में इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देंगी।’’