नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को अहोबिलम मठ मंदिर के अधिग्रहण के खिलाफ हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली आंध्र सरकार की अर्जी (Application) खारिज की।
सुप्रीम कोर्ट (SC) ने सुनवाई में कहा कि मंदिर को धार्मिक लोगों के लिए क्यों नहीं छोड़ा जाना चाहिए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार (Government of Andhra Pradesh) की याचिका पर सुनवाई से मना कर दिया।
हाईकोर्ट (HC) ने कुरनूल में अहोबिलम मंदिर के मामले को नियंत्रण करने के लिए कार्यकारी अधिकार नियुक्त करने के आंध्र सरकार के फैसले पर कहा कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद-26 (D) का उल्लंघन है।
धार्मिक लोगों को इससे निपटने दें
सुप्रीम कोर्ट में राज्य ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि धार्मिक लोगों को इससे निपटने दें।
दरअसल आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राज्य सरकार को कानून के तहत इस बात की कोई अथॉरिटी (Authority) नहीं है कि वह अहोबिलम मठ मंदिर (Ahobilam Matha Temple) के लिए कोई कार्यकारी अधिकार नियुक्त करे।
इस मामले में हाई कोर्ट के फैसले को आंध्र प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (SC) में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की अर्जी पर सुनवाई से इनकार कर दिया।
इस दौरान जस्टिस एसके कौल की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि राज्य सरकार को कोई अथॉरिटी (Authority) या जूरिडिक्शन (Juridiction) नहीं है कि वह इसके लिए एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (Executive Officer) नियुक्त करे।