नई दिल्ली: Supreme Court ने इंटक के दुबे गुट (Chandrashekhar Dubey) द्वारा दायर की गई विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज कर दिया। कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के डबल बैंच के फैसले को बरकरार रखा है।
न्यायाधीश संजय किशन कौल की खंडपीठ में बुधवार को इस मामले की सुनवाई हुई।
इसके साथ ही JBCCI-11 में इंटक यानी कुमार जयमंगल (अनूप सिंह) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन (National Mine Workers Federation) का रास्ता साफ हो गया है।
माना जा रहा है कि शीर्ष अदालत के इस फैसले से ददई गुट को एक तरह से झटका लगा है।
राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन को बड़ी राहत
राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी (General Secretary) एसक्यू जामा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है।
Federation के वरीय उपाध्यक्ष एके झा ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद मजदूरों को उनका हक मिलेगा।
राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन (National Colliery Workers Union) के कार्यकारी अध्यक्ष एवं फेडरेशन के उपाध्यक्ष वीरेंद्र प्रसाद अंबष्ठ ने कहा कि देर भले ही होती है, लेकिन सच्चाई हमेशा जीतती है।
फेडरेशन के अध्यक्ष सह बेरमो विधायक (Bermo MLA) कुमार जयमंगल सिंह ने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है। अब कोयला मजदूरों को उनका हक मिलेगा।
इंटक कोटे से JBCCI-11 के मेंबर
राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन (इंटक) के अध्यक्ष कुमार जयमंगल सिंह एवं सेक्रेटरी जनरल एसक्यू जामा (SQ Jama) के नेतृत्व वाले फेडरेशन (इंटक) की ओर से JBCCI-11 के लिए इंटक कोटे (Intake Quota) से चार रेग्युलर एवं चार अलटरनेट सदस्यों की सूची पूर्व में ही कोल इंडिया को भेजी जा चुकी है।
रेगुलर सदस्यों में विधायक कुमार जयमंगल सिंह, एसक्यू जामा, शुभग्य प्रधान एवं बी जनक प्रसाद शामिल हैं जबकि अलटरनेट सदस्यों (Alternate Members) में एके झा, चंडी बनर्जी, विरेंद्र सिंह विष्ट एवं गोपाल नारायण सिंह शामिल हैं।