नई दिल्ली: उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू सोमवार को भारत की मेजबानी में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के प्रमुखों के वर्चुअल माध्यम से होने वाले 19वें शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे।
यह पहली बार होगा जब शिखर सम्मेलन स्तर की बैठक भारत की अध्यक्षता में होगी। भारत इस संगठन में सदस्य के तौर पर 2017 में शामिल हुआ था।
यह शिखर सम्मेलन हर वर्ष प्रधानमंत्री के स्तर पर आयोजित किया जाता रहा है। इसमें मुख्य रूप से एजेंडे के तौर पर सदस्य देशों के बीच व्यापार और आर्थिक स्थिति रहती है।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार भारत शंघाई सहयोग संगठन को एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन मानता है और सक्रिय, सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाते हुए इस सहयोग को व्यापक बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है।
भारत शंघाई सहयोग सरकार के प्रमुखों की परिषद का पिछले साल 2 नवंबर को क्रमानुसार उज़्बेकिस्तान के बाद अध्यक्ष बना था।
30 नवंबर को शिखर सम्मेलन आयोजित करने के साथ ही भारत अपना 1 वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगा।
शिखर सम्मेलन में संगठन के सदस्य देशों रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री भाग लेंगे।
वहीं पाकिस्तान की ओर से विदेश मामलों के संसदीय सचिव इसका हिस्सा बनेंगे।
सदस्य देशों के अलावा पर्यवेक्षक देशों में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति, ईरान के प्रथम उप राष्ट्रपति, बेलारूस के प्रधानमंत्री और मंगोलिया के उप प्रधानमंत्री इसमें भाग लेंगे।
विशेष आमंत्रित के तौर पर तुर्कमेनिस्तान की ओर से कैबिनेट मंत्रियों के उपाध्यक्ष इसमें भाग लेंगे।
इस साल भारत ने एससीओ सदस्य देशों की बाहरी अर्थव्यवस्था व वाणिज्य से जुड़े मंत्रियों की 28 अक्टूबर और न्याय मंत्रियों की 16 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की थी।
30 नवंबर का शिखर सम्मेलन उप राष्ट्रपति की अध्यक्षता में संयुक्त कम्युनिटी को अपनाने के साथ समाप्त होगा।