नई दिल्ली: Air India पेशाब मामले के आरोपी शंकर मिश्रा (Shankar Mishra) इस दावे को शिकायतकर्ता (Complainant) ने खारिज (Rejected) कर दिया है कि उसने खुद अपनी सीट गंदी कर दी थी।
मामले की शिकायतकर्ता ने कहा कि मिश्रा का दावा पूरी तरह झूठ व मनगढ़ंत है। मिश्रा का दावा सत्र अदालत (Court) द्वारा दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के हिरासत के अनुरोध करने के एक आवेदन पर नोटिस जारी करने के बाद आया है।
पीड़िता (Victim) ने कहा कि उसका इरादा यह सुनिश्चित करना है कि संस्थागत परिवर्तन (Institutional Change) किए जाएं, ताकि किसी भी व्यक्ति को उस भयानक अनुभव से न गुजरना पड़े, जिससे वह गुजरी है।
13 जनवरी को मिश्रा ने अदालत को बताया
पीड़िता ने कहा, अपने द्वारा किए गए घृणित कार्य के लिए पछताने के बजाय, उसने उसे और परेशान करने के इरादे से गलत सूचना और झूठ फैलाने का अभियान (Campaign) अपनाया है।
13 जनवरी को मिश्रा ने अदालत को बताया कि वह आरोपी नहीं हैं, बल्कि शिकायतकर्ता ने खुद ही अपनी सीट गंदा की थी।
उसने दावा किया था कि महिला शायद प्रोस्टेट (Prostate) से संबंधित किसी बीमारी से पीड़ित है।
मिश्रा ने कहा था, ”उसकी सीट ऐसी थी कि महिला तक केवल पीछे से ही पहुंचा जा सकता था और किसी भी हालत में सीट के सामने नहीं पहुंच सकता था।”
11 जनवरी को मिश्रा के वकील ने तर्क दिया था कि उसका उद्देश्य पीड़िता का यौन उत्पीड़न (Sexual Harrasment) करना नहीं था।
उसका कृत्य पूरी तरह से घृणित है
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (Metropolitan Magistrate), पटियाला हाउस (Patiala House) ने मिश्रा की जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उसका कृत्य पूरी तरह से घृणित है।
अदालत ने 7 जनवरी को मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
यह घटना 26 नवंबर, 2022 को न्यूयॉर्क से दिल्ली जाने वाली Air India की फ्लाइट में हुई थी।