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पीड़िता ने गुमला थाने में लगाई इंसाफ की गुहार, जान मारने की धमकी दे रहा पति
गुमला: धर्म बदलकर शादी करने का मामला थम नहीं रहा। एक ऐसा ही मामला झारखंड के गुमला जिले में भी सामने आया है।
जहां युवक ने असम जाकर अपना धर्म बदलकर मुस्लिम युवती से शादी की और अब झारखंड लौटने पर वह महिला पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा है।
इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। बता दें कि धर्म बदलकर शादी करने के मामले में कानून बनाकर सख्ती को लेकर उठ रही मांग के बीच उत्तरप्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन पर 10 साल जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।
मध्यप्रदेश सरकार भी इसकी तैयारी में जुटी हुई है। वहीं, राजस्थान में पिछले 14 साल में कानून बनाने को लेकर दो बार प्रयास हो चुके हैं।
युवक के गांव लौटने पर खुला राज
झारखंड के गुमला जिले का बुद्धदेव ठाकुर असम में नाम व धर्म बदलकर मुस्लिम बन गया और अपना नाम अख्तर अली रख लिया।
इसके बाद उसने असम की एक मुस्लिम युवती से शादी कर ली। युवक जब पत्नी व बच्चों को लेकर अपने गांव वापस लौटा, तब ये राज खुला।
इस संबंध में महिला ने नाम व धर्म बदलकर शादी करने की प्राथमिकी गुमला सदर थाने में दर्ज कराते हुए कार्रवाई करने की मांग की है।
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार, असम के बरपट्टा जिला स्थित बतरी गेराम गांव निवासी आबेदा बेगम ने गुमला थाना में लिखित आवेदन सौंपकर न्याय की गुहार लगायी है।
धारा 341, 307, 506, 494, 498 ए आईपीसी सहित झारखंड फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट-2017 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दर्ज केस में महिला ने कहा है कि वर्ष 2015 में कथित अख्तर अली असम पहुंचा और अपने पिता का नकली नाम जमाल अंसारी बताया।
इसके बाद अख्तर ने आबेदा से शादी की इच्छा जतायी और आबेदा के पिता के पास शादी का रिश्ता भेजा। इसके बाद दोनों परिवारों की रजामंदी से आबेदा की शादी कथित अख्तर अली से करायी गयी।
धर्म नहीं बदलने पर जिंदा जलाने का प्रयास
आबेदा ने प्राथमिकी में कहा है कि उसके पति अख्तर उर्फ बुद्धदेव ने उससे कहा कि यहां रहना है, तो तुम्हें अपना धर्म बदलकर मुसलमान से हिंदू धर्म अपनाना होगा।
जबरन हिंदू बनाने के लिए दबाव बनाने लगा। धर्म नहीं बदलने पर केरोसिन डालकर जलाने का प्रयास किया। तब आसपास के लोगों द्वारा बचाया गया।
न्याय के लिए दर दर भटक रही पीड़िता
आबेदा ने दर्ज केस में कहा है कि बुद्धदेव ठाकुर जब असम में रहता था, तो वह वहां पर गौवंशीय पशु का मांस बेचने का काम करता था।
परंतु गुमला अपने गांव आने से पूर्व उसके पिता ने जमीन बेचकर एक लाख रुपये एवं 15 हजार का मोबाइल दिया था, लेकिन गुमला के पनसो गांव लौटने के बाद बुद्धदेव ने आबेदा को घर से निकाल दिया।
इसके बाद आबेदा अपने बच्चों के साथ मुस्लिम समुदाय के पनसो अंजुमन की शरण में करीब नौ माह से रह रही है। इसके साथ ही न्याय की गुहार के लिए दर दर भटक रही है। शिकायत करने पर बुद्धदेव ने आबेदा को जान से मारने की धमकी दी है।