न्यूज़ अरोमा रांची: राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों को सरकार जल्द ही तोहफा दे सकती है।
सरकार पारा शिक्षकों की मांग को लेकर तैयारी में लग गई है। सरकार उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर पारा शिक्षकों की समस्या का निदान करने में लग गई है।
बता दें की अगले सप्ताह पारा शिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर बैठक होने वाली है।
बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में की जाएगी, जिसके बाद पारा शिक्षकों को लेकर अहम फैसला लिया जायेगा।
इन सभी मुद्दों को लेकर पारा शिक्षकों के प्रतिनिधियों को भी शिक्षा विभाग से जल्द ही निमंत्रण देकर बुलाया जा सकता हैं।
हालांकि बैठक को लेकर अबतक पारा शिक्षकों किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई है।
लेकिन झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से यह जानकारी मिल रही है कि पारा शिक्षकों की कई मांगों को लेकर ही उच्चस्तरीय बैठक होनी है। और शिक्षा विभाग से जल्द ही प्रतिनिधियों को निमंत्रण देकर बुलाया जा सकता है।
इधर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा स्थायीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर 10 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव का फैसला लिया है।
स्थायीकरण और वेतनमान समेत अन्य मांगों को लेकर 17 जनवरी को सत्ता पक्ष के विधायकों और 24 जनवरी को मंत्रियों के आवास के बाहर धरना भी दिया था।
इसी बीच शिष्टमंडल को कैबिनेट में पारा शिक्षकों के मुद्दे को रखते हुए निदान कराने का निर्देश भी कांग्रेस के मंत्रियों को दिया था, लेकिन कैबिनेट में पारा शिक्षकों पर चर्चा तक नहीं हुई।
मोर्चा के सदस्य संजय कुमार दुबे ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 10 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास के समक्ष “वादा पूरा करो प्रदर्शन” किया जाएगा।
इसके बाद भी अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो आगामी बजट सत्र में झारखंड विधानसभा का घेराव करेंगे।
एक तरफ पारा शिक्षक अपनी तयारी में है वहीं दूसरी ओर सरकार भी पारा शिक्षकों के स्थायीकरण की मांग को लेकर तैयारी में लग गई है।
कहा जा रहा है की जल्द ही कोई पहल की जाएगी और सभी के हित में बीच का रास्ता भी निकाला जाएगा।
तो पारा शिक्षकों का आंदोलन हो सकता है स्थगित
बता दें की 10 फरवरी से पहले अगर बैठक में कोई नतीजा निकलता है, तो पारा शिक्षकों का आंदोलन स्थगित भी हो सकता है।
और अगर ऐसा नहीं होता है और कोई हल नहीं निकालता है, किसी कारण बैठक बेनतीजा होती है, तो ये आंदोलन और भी तेज होगा।
पारा शिक्षक भी वेतनमान और सेवा स्थायीकरण के तोहफे के इंतज़ार में हैं। सरकार उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर पारा शिक्षकों की समस्या का निदान करने में लग गई है।
मुख्य सचिव के साथ विभाग के पदाधिकारियों की बैठक इसी सफ्ताह होनी थी लेकिन किसी वजह से बैठक नहीं हो सकी है। लेकिन जल्द ही एक सप्ताह के अंदर एक उच्च स्तरीय बैठक होगी जिसकी तैयारी चल रही है।
सरकार पारा शिक्षकों की मांगों को लेकर गंभीर
पारा शिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर बैठक होने वाली है। बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में की जाएगी, जिसके बाद पारा शिक्षकों को लेकर अहम फैसला लिया जायेगा।
प्रशासी पदाधिकारी कहते हैं की सरकार पारा शिक्षकों की मांगों को लेकर गंभीर है और जल्द ही उन्हें तोहफा दे सकती गई।
बता दें की इधर कैबिनेट में किसी तरह का कोई फैसला नही लिए जाने से पारा शिक्षक काफी निराश हैं लेकिन अब अगर उच्च स्तरीय बैठक में इन सभी के हक में फैसला लिया जाता है तो इतने दिनों से चल रहा इंतजार समाप्त भी हो सकता है।
समस्याओं का निवारण नहीं हुआ, तो होगा विधानसभा का घेराव
समस्याओं का निवारण नहीं हुआ तो आगामी सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
कहा कि सूबे के 65 हजार पारा शिक्षकों का स्थायीकरण करते हुए वेतनमान देने की मुख्यमंत्री की घोषणा अबतक धरातल पर नहीं उतरना पारा शिक्षकों के साथ विश्वासघात है।
साथ ही अप्रशिक्षित, एनसी अंकित पारा शिक्षकों का 20 माह का लंबित मानदेय भुगतान किया जाए।
पलामू के छतरपुर, नौडीहा बाजार के 436 पारा शिक्षकों के पूर्व सत्र का बकाया मानदेय भुगतान किया जाए।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त मांगों की पूर्ति नहीं होने एवं तात्कालिक समस्याओं के निदान नहीं होने से राज्य के पारा शिक्षक आक्रोश में हैं।
हतप्रभ भी कि चुनाव पूर्व पारा शिक्षकों को सपना दिखाने वाली झामुमो, कांग्रेस, राजद सरकार में आने के बाद पारा शिक्षकों को भूल कैसे गए।
कभी-कभी कोरे आश्वासन का घूंट के सिवाय 14 महीने में इस सरकार से पारा शिक्षकों को कुछ नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि बुधवार को कैबिनेट से भी पारा शिक्षकों को काफी आशा थी लेकिन फैसलों से निराशा हाथ लगी।
इधर पारा शिक्षक अपने-अपने क्षेत्र में 6 फरवरी को बैठक कर रहे हैं जिसमें वो संगठन विस्तार पर चर्चा के अलावा मिशन सहायक शिक्षक की पूर्ति के लिए होने वाली आगामी आंदोलन पर विचार विमर्श करेंगे।
साथ ही पारा शिक्षकों से बैठक में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील भी की है।