Benefits of Offering water to Shivling every: देवों के देव महादेव (Mahadev) केवल एक लोटा जल चढ़ाने से भी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
यही वजह है कि शिवजी को भोलेनाथ भी कहा जाता है। अधिकतर लोगों की मान्यता होती है कि सोमवार का दिन भोले बाबा (Bhole Baba) का प्रिय होता है इसी कारण केवल सोमवार को ही जल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है बल्कि सप्ताह के हर एक दिन भगवान शिव पर जल चढ़ाने (Offering water to Lord Shiva) के अलग-अलग लाभ मिलते हैं। तो चलिए आज आपको इस आर्टिकल में बताते हैं की शिवलिंग पर रोजाना जल चढ़ाने से क्या फल मिलता है।
अगर नियमित रूप से शिवलिंग पर जल अर्पित किया जाए तो कई लाभ प्राप्त होते हैं। शिव महापुराण के अनुसार, भगवान शिव को वार यानी दिन के हिसाब से जल चढ़ाने से उनका आशीष प्राप्त होता है और जातक की मनोकामन पूर्ण होती हैं।
रविवार
मान्यता है कि रविवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। जीवन में धन-धान्य का अभाव नहीं होता है। मां लक्ष्मी का घर पर स्थाई वास होता है।
सोमवार
हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि सोमवार के दिन भगवान शिव को जल अर्पित करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
मंगलवार
मंगलवार के दिन भगवान शिव पर जल अर्पित करने से कार्यों में सफलता हासिल होती है। नौकरी में तरक्की आदि के योग बनते हैं।
बुधवार
बुधवार को भगवान शिव को जल अर्पित करने से शादी-ब्याह में की विघ्न-बाधा दूर होती है। मान्यता है कि ऐसा करने से विवाह संबंधी परेशानियां खत्म होती हैं और वैवाहिक जीवन सुखद होता है।
गुरुवार
गुरुवार को भगवान शिव को जल अर्पित करने से परीक्षा में सफलता हासिल होती है। बच्चों का मन पढ़ाई में लगता है। विद्या प्राप्त होती है।
शुक्रवार
शुक्रवार के दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं। परिवार का गृह क्लेश खत्म होता है।
शनिवार
शिव महापुराण के अनुसार, शनिवार के दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है।
Disclaimer : यहां सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि News Aroma किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।