रांची: राज्यपाल CP राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) ने कहा कि प्रतिभा की कोई सीमा नहीं होती। यह शारीरिक और मानसिक सीमाओं से परे है।
वास्तव में कई दिव्यांग व्यक्तियों (Persons With Disabilities) ने विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण कौशल और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया है। दिव्यांगों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। हमें उनमें निहित अद्वितीय क्षमताओं को पहचान कर उनके अनुरूप कार्य करने के लिए उन्हें प्रेरित करना चाहिए।
राज्यपाल गुरुवार को रांची के श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति केंद्र (Shree Bhagwan Mahaveer Handicapped Assistance Committee Center) के नये भवन का उद्घाटन के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सर्वप्रथम ‘दिव्यांग’ शब्द के उपयोग का सुझाव दिया था।
राज्यपाल ने कहा…
हम इस पहल के लिए प्रधानमंत्री के आभारी हैं। उन्होंने दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए कई पहल की हैं। हमारे प्रधानमंत्री दिव्यांग व्यक्तियों (Persons With Disabilities) को सशक्त बनाने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं।
राज्यपाल ने कहा कि दिव्यांगों ने रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए खेल से लेकर कला, शिक्षा से लेकर उद्यमिता तक में अपनी क्षमता साबित की है। हमने पैरालंपिक में एथलीटों (Athletes) द्वारा उल्लेखनीय प्रदर्शन को देखा है ।
राज्यपाल ने सहायता समिति के कार्यों की सराहना भी की
उनके दृढ़ संकल्प और अद्वितीय कौशल (Determination and Unique Skills) ने दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित किया है। साथ ही कला और संस्कृति के क्षेत्र में भी दिव्यांगजनों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
पेंटिंग, मूर्तिकला, संगीत, नृत्य या कविता के माध्यम से उनकी रचनात्मक प्रतिभा की उत्कृष्टता का प्रदर्शन (Display of Excellence) किया है। राज्यपाल ने सहायता समिति के कार्यों की सराहना भी की।
इस अवसर पर पूर्व राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार, सांसद संजय सेठ और विधायक समरी लाल सहित कई लोग मौजूद थे।