नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को पार्टी नेताओं का आह्वान किया कि अब पार्टी का कर्ज उतारने का समय आ गया है और ऐसे में उन्हें नि:स्वार्थ भाव एवं अनुशासन के साथ काम करना होगा क्योंकि पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए जादू की कोई छड़ी नहीं है।
पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि 13-15 मई को उदयपुर में होने वाला ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ रस्म अदायगी भर नहीं होना चाहिए, बल्कि इसमें पार्टी का पुनर्गठन प्रतिबिंबित होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘इस शिविर में करीब 400 लोग शामिल हो रहे हैं जिनमें से ज्यादातर संगठन में किसी ने किसी पद पर हैं या फिर संगठन अथवा सरकार में पदों पर रह चुके हैं। हमनें प्रयास किया है कि इस शिविर में संतुलित प्रतिनिधित्व हो, हर पहलू से संतुलन हो।’’
पार्टी ने हमेशा हम सबका भला किया -सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने इस बात का उल्लेख भी किया कि राजनीति, सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण, अर्थव्यवस्था, संगठन, किसान एवं कृषि तथा युवा एवं सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों पर छह समूहों में चर्चा होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘जादू की कोई छड़ी नहीं है। नि:स्वार्थ काम, अनुशासन और सतत सामूहिक उद्देश्य की भावना से हम दृढ़ता और लचीलेपन का प्रदर्शन कर सकते हैं। पार्टी ने हमेशा हम सबका भला किया है। अब समय आ गया है कि कर्ज को पूरी तरह चुकाया जाए।’’
सोनिया गांधी का यह भी कहना था, ‘‘ हमारे पार्टी के मंचों पर स्व-आलोचना की निश्चित तौर पर जरूरत है। किंतु यह इस तरह से नहीं होनी चाहिए कि आत्मविश्वास और हौसले को तोड़े तथा निराशा का माहौल बनाए।’’
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘चिंतन शिविर महज एक रस्म अदायगी नहीं होना चाहिए। मैं इसको लेकर प्रतिबद्ध हूं कि इसमें संगठन का पुनर्गठन परिलक्षित होना चाहिए ताकि वैचारिक, चुनावी और प्रबंधकीय चुनौतियों से निपटा जा सके।’’