नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने आतंकवाद, साइबर क्राइम और भ्रष्टाचार जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को आवश्यक बताते हुए कहा कि जब खतरे वैश्विक हों, तो प्रतिक्रिया केवल स्थानीय नहीं हो सकती। भ्रष्टाचारियों और आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को यहां प्रगति मैदान में 90वीं इंटरपोल महासभा (90th Interpol General Assembly) को संबोधित करते हुए कहा कि बेहतर दुनिया के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब राष्ट्र और समाज अंतर्मुखी (Nation and Society Introvert) होते जा रहे हैं, भारत संवर्धित वैश्विक सहयोग का आह्वान कर रहा है। स्थानीय कल्याण के लिए वैश्विक सहयोग हमारा आह्वान है।
आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं होना चाहिए
उन्होंने कहा, “आतंकवाद, भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध शिकार और संगठित अपराध, इन खतरों के परिवर्तन की गति पहले की तुलना में तेज है।
जब खतरे वैश्विक हों, तो प्रतिक्रिया केवल स्थानीय नहीं हो सकती। यह सही समय है कि दुनिया इन खतरों को हराने के लिए एक साथ आए।”
प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार (Corruption) को समाज के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि यहभी टेरर फंडिंग का एक जरिया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और वित्तीय अपराधों ने कई देशों के नागरिकों के कल्याण को नुकसान पहुंचाया है।
वैश्विक समुदाय से सुरक्षित पनाहगाह को समाप्त करने की जरूरत पर बल देते हुए Modi ने कहा कि एक सुरक्षित दुनिया हमारी साझा जिम्मेदारी है।
भ्रष्टाचारियों और आतंकवादियों (Corruptors and terrorists) के लिए कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए रणनीति को और विकसित करने की जरूरत है।
यह अब पर्याप्त नहीं है कि आतंकवाद केवल भौतिक स्थान में लड़ा जाता है, यह अब ऑनलाइन कट्टरता और साइबर खतरों के माध्यम से अपनी उपस्थिति फैला रहा है।
वैश्विक पटल (Global screen) पर भारतीय भूमिका का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि जलवायु लक्ष्यों से लेकर कोविड के टीकों तक, भारत ने किसी भी संकट में नेतृत्व करने की इच्छा दिखाई है।
आपदा के समय में भी भारत मदद के लिए सबसे आगे रहता है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में भी भारत अहम भूमिका निभा रहा है। UN शांति सेना में बड़ी संख्या में भारतीय सैनिक मौजूद हैं।
पुलिसबलों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में पुलिस बल न केवल लोगों की रक्षा कर रहे हैं बल्कि सामाजिक कल्याण (Social welfare) को भी आगे बढ़ा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा…
इस मौके पर उन्होंने लोगों की सेवा में अपना बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों को नमन करते हुए कहा कि कोरोना काल (Corona Period) के दौरान पुलिस कर्मियों की भूमिका सराहनीय रही है। पुलिसकर्मी विभिन्न संकटों में भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समय भारत और इंटरपोल दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। भारत 2022 में अपनी आजादी का 75 वां वर्ष मना रहा है।
यह हमारी संस्कृति, लोगों और उपलब्धियों का उत्सव है। इंटरपोल (Interpol) भी एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के करीब पहुंच रहा है। 2023 में इंटरपोल अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाएगा।
उन्होंने कहा कि यह दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए सार्वभौमिक सहयोग का आह्वान है। भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियानों में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक है।
कानून-प्रवर्तन के दर्शन को प्राचीन भारतीय दार्शनिक चाणक्य ने सबसे अच्छी तरह समझाया
मोदी ने कहा कि आनन्दित होने और चिंतन करने का यह अच्छा समय है। असफलताओं से सीखें, जीत का जश्न मनाएं और फिर भविष्य को उम्मीदों के साथ देखें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इंटरपोल की संकल्पना (Interpol concept) कई भारतीय मान्यताओं से ओतप्रोत है। इंटरपोल का आदर्श वाक्य ‘एक सुरक्षित दुनिया के लिए पुलिस को जोड़ना’ है, और दुनिया के सबसे पुराने धर्मग्रंथों में से एक वेद का एक श्लोक कहता है कि ‘महान विचारों को अंदर आने दो’। दोनों एक ही सार की सेवा करते हैं।
मोदी ने कहा कि कानून-प्रवर्तन के दर्शन को प्राचीन भारतीय दार्शनिक चाणक्य ने सबसे अच्छी तरह समझाया है।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नसर अल रायसी और महासचिव जर्गन स्टॉक, CBI निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल (Subodh Kumar Jaiswal) आदि भी मौजूद थे।