मुंबई: अगर आप सोना (Gold) खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो ये खबर आपको जरूर जान लेनी चाहिए। सरकार ने Gold and Jewelry की खरीद-फरोख्त के नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है।
Consumer Affairs के मंत्रालय के अनुसार, 31 मार्च, 2023 के बाद, Hallmark के रूप में चार अंकों के HUID वाले आभूषणों को बेचा नहीं जा सकता है।
इसके बजाय, एक Hallmark के रूप में 6 अंकों के Alphanumeric Number वाले आभूषण ही बेचे जा सकेंगे।
यह फैसला 4 और 6 डिजिट हॉलमार्किंग की कंफ्यूजन को लेकर लिया गया
दरअसल, उपभोक्ता मंत्रालय (Consumer Ministry) ने कहा कि यह फैसला 4 और 6 डिजिट Hall Marking की कंफ्यूजन को लेकर लिया गया है। Gold की खरीद-फरोख्त के बदले गए नियम के मुताबिक अब 6 नंबर के Alphanumeric Hallmarking ही मान्य होंगे।
इस नए हॉलमार्क के बिना अगर सोने की ज्वैलरी बेची जाती है तो वह मान्य नहीं होगी। मंत्रालय ने बताया नया नियन लागू होने के बाद 4 डिजिट वाले Hallmark भी पूरी तरह से बंद हो जाएंगे।
सोना से जुड़ी धोखधड़ी से बचा जा सकेगा
सोना या इससे बने किसी भी तरह के आभूषण की पहचान के लिए हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर उसपर गढ़ा जाता है। ये HUID नंबर 6 अंकों वाला अल्फान्यूमेरिक कोड (Alphanumeric Code) होता है।
जब ज्वैलर्स उस आभूषण की जानकारी BIS के Portal पर अपलोड कर देते हैं तो इस नंबर से आप खरीदी गई Jewelry से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकते हैं। इस तरह के Code से सोना से जुड़ी धोखधड़ी के मामलों से निपटने में बहुत कारगर हैं।
क्या होता है HUID नंबर
हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर Jewelry की पहचान के लिए होता है। HUID नंबर छह अंकों वाला Alphanumeric Code है।
इसकी मदद से उपभोक्ता को Jewelry से जुड़ी जानकारी मिल जाती है। इसके अलावा Jewelers को इसकी जानकारी BIS के पोर्टल पर भी अपलोड करनी होती है।
मंत्रालय ने क्या कहा
मंत्रालय ने कहा कि उपभोक्ताओं के बीच 4 Digit और 6 डिजिट Hallmarking को लेकर कंफ्यूजन दूर करने के लिए यह अहम फैसला लिया गया है। नए नियम के तहत एक April से सिर्फ छह डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग (Alphanumeric Hallmarking) ही मान्य होंगे।
इसके बिना सोना और सोने के आभूषण (Gold Jewelery) नहीं बिकेंगे। साथ ही चार डिजिट वाली हॉलमार्किंग पूरी तरह बंद हो जाएगी।
सोने की Hallmarking कीमती धातु की शुद्धता का प्रमाण पत्र है। यह 16 जून, 2021 तक स्वैच्छिक रूप (Voluntary Form) से लागू था। इसके बाद, सरकार ने Gold Hallmarking अनिवार्य करने का निर्णय लिया।
पहले चरण में इसे देश के 256 जिलों में लागू किया गया। दूसरे चरण में 32 और जिलों को जोड़ा गया। अब देश 51 और जिलों को इसमें जोड़ा जा रहा है।