रांची: झारखंड के सभी जिलों में पारा (Tempreture) लगातार लुढ़क रहा है। दिनभर कनकनी का एहसास हो रहा है। सर्द हवाओं (Cold Winds) के कारण धूप में गर्माहट नहीं है।
झारखंड के अधिकांश जिलों का पारा 10 डिग्री सेल्सियस से भी कम हो गया है। राज्य इन दिनों शीतलहर (Cold Wave) की चपेट में है। ऐसा बंगाल की खाड़ी में चल रही हवाओं की रफ्तार कम होने की वजह से हुआ है।
मौसम विज्ञान केंद्र (Meteorological Center) रांची के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में हवाओं की रफ्तार कम हुई है। आसमान में बादल भी छंटे हैं। इस वजह से राज्य के तापमान में काफी गिरावट आयी है।
राज्य के लोगों को अभी इस शीतलहर से राहत नहीं मिलने वाली है। अगले दो दिनों तक ठंड कंपकंपाएगी। पहाड़ों की ओर से आने वाली हवाओं के कारण हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ने लगी है।
न्यूनतम तापमान लगातार गिरकर इस सीजन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। राजधानी सहित राज्य के अधिकतम जिलों का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेसि. से भी कम हो चुका है।
बच्चों और वृद्ध लोगों पर विशेष ध्यान दें : डॉक्टर मणिभूषण सिन्हा
RIMS के डॉक्टर मणिभूषण सिन्हा ने बढ़ते ठंड को लेकर बच्चों और वृद्ध लोगों को विशेष परहेज करने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में ब्रेन स्ट्रोक की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
खासकर बच्चों का विशेष ख्याल रखें। क्योंकि, इस मौसम में उन्हें निमोनिया का खतरा रहता है। मॉर्निंग वॉक करने वाले लोग धूप निकलने के बाद ही घर से बाहर निकलें। इससे ब्लड प्रेशर, हार्ट और ब्रेन में समस्या नहीं होती है।
उन्होंने कहा कि सर्दियों में कफ, कोल्ड, फीवर, डायरिया और निमोनिया जैसे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान ठंड से बचें और परेशानी बढ़ने पर डॉक्टर से जरूर दिखाएं।
सर्द हवाएं और हॉट शावर (Cold Winds And Hot Showers) आपकी त्वचा पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। यही वजह है की सर्दियों के दौरान ड्राई स्किन, खुजली, स्किन और हाथ पांव का फटना आम हो जाता है।
साथ ही ब्लड प्रेशर और अर्थराइटिस जैसी बड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के जोड़ों में दर्द, लकवा (Paralysis) का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में गर्म कपड़ा पहनने के साथ सुबह-शाम के समय शरीर में गर्माहट के लिए अलाव का सहारा जरूर लें।