लाइफस्टाइल डेस्क: एक पुरुष या कहें कि वो पति उस स्थिति को बहुत अच्छी तरीके से समझ सकते हैं जब उनकी पत्नी उन पर गुस्सा हो जाती है। जब चीजें गलत चल रही हों तब उन्हें संभालना और ज्यादा मुश्किल हो जाता है।
यदि वो आपकी किसी गलती पर गुस्सा हैं तो आपके कई बार माफ़ी मांगने का भी कोई असर उनपर नहीं होगा।
ग़लतफहमी या फिर आपकी कोई भूल, वजह चाहे जो भी हो लेकिन आपको अपनी पत्नी के गुस्से को सकारात्मक और परिपक्व तरीके से हैंडल करना आना चाहिए।
आज हम कुछ तरीकों के बारे में बता रहे हैं जो आपको अपनी पत्नी के गुस्से को हैंडल करने में मदद करेंगे। उम्मीद है इससे आपका रिश्ता और मजबूत होगा।
आपकी पत्नी चाहे जितना भी भड़क जाए, मगर आप अपना टेम्पर बिल्कुल न खोएं।
इस बात को हमेशा याद रखें कि लडाई में एक व्यक्ति को शांत रहने की जरुरत है ताकि चीजों को संभाला जा सके।
अगर आप दोनों ही गुस्से में आ जाएंगे तो आपकी सुलह कभी नहीं हो पायेगी। आप जेहन में ये बात रखें कि ये वक्त भी टल जाएगा।
उनके गुस्से की वजह जानें
क्या आपकी पत्नी दिन भर काम करके थक चुकी है? क्या इस वजह से उनके व्यवहार में चिड़चिड़ापन है ? ऐसे में आपको उनकी स्थिति समझने की जरुरत है।
अगर दिनभर घर और ऑफिस के काम की भड़ास निकाल कर उन्हें अच्छा फील होता है तो आप उनका सपोर्ट करें। न कि उनके साथ बहस करने में लग जाएं।
किस बात के लिए हैं वो गुस्सा ?
क्या आपकी पत्नी छोटी छोटी बातों पर आपसे झगड़ा कर रही हैं? तो इस बात की संभावना है कि वो इस लड़ाई को किसी बड़े मुद्दे की तरफ ले जाना चाह रही हैं।
कोई ऐसी बात है जिसपर वो अपने मन की भड़ास निकालना चाहती हैं।
आप कोशिश करके लडाई की असली जड़ तक पहुंचने की कोशिश करें वरना आपकी पत्नी का गुस्सा शांत होने वाला नहीं है।
उन्हें स्पेशल फील कराएं
आप अपनी पत्नी को खुश रखने का प्रयास करें। उनके लिए गिफ्ट्स लाएं। उनके साथ जिम्मेदारियों में हाथ बटाएं।
उन्हें अटेंशन दें और प्यार करें। आप जब उन्हें स्पेशल फील कराएंगे तो वो अपने गुस्से को भूल कर आपके किए प्रयास पर फोकस करेंगी।
बातचीत करना है जरूरी
आप इस बात को गांठ बांध लीजिये कि रिलेशनशिप में सबसे अहम फैक्टर कम्युनिकेशन ही है। जब तक आप अपनी पत्नी से बैठकर बात नहीं करेंगे तब तक ये मुद्दा सुलझ नहीं सकता है।
अगर आपकी पत्नी नाराज है तो उन्हें अपने मन की बात कह लेने दीजिये। मगर उस वक्त आप अपनी बात दबा कर न रखें। उन्हें शांत होने दें और फिर आप अपना पक्ष बताएं।