शारदीय नवरात्र का तीसरा दिन : मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की हो रही पूजा,साहस का…

इस रूप में मां शेरनी की सवारी करती हैं। माता का शरीर सोने के समान चमकता है। उनकी 10 में चार भुजाओं में त्रिशूल, गदा, तलवार और कमंडल है

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Shardiya Navratri : 17 अक्टूबर यानी मंगलवार को शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) का तीसरा दिन है। मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा की हो रही है। हिंदू परंपरा में मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) को देवी पार्वती का रौद्र रूप माना जाता है।

इस रूप में मां शेरनी की सवारी करती हैं। माता का शरीर सोने के समान चमकता है। उनकी 10 में चार भुजाओं में त्रिशूल, गदा, तलवार और कमंडल है। पांचवा हाथ वर मुद्रा में है।

मां की अन्य भुजाओं में कमल, तीर, धनुष और जप माला हैं और पांचवा हाथ अभय मुद्रा में है। इनके दसों हाथों में अस्त्र-शस्त्र (Weapons) हैं और इनकी मुद्रा युद्ध की है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरूप की उपासना करने से साहस में वृद्धि होती है।

शारदीय नवरात्र का तीसरा दिन : मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की हो रही पूजा,साहस का…-Third day of Shardiya Navratri: Chandraghanta form of Maa Durga is being worshipped, courage…

इस प्रकार की जाती है पूजा

मां को गंगाजल, दूध, दही, घी और शहद से स्‍नान कराने के बाद वस्‍त्र, हल्‍दी, सिंदूर, पुष्‍प, चंदन, रोली, मिष्‍ठान और फल चढ़ाएं। मां चंद्रघंटा को रामदाना का भोग लगाना चाहिए।

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इसके अलावा शहद और दूध (Honey and Milk) या उससे बनी चीजों का भी भोग लगा सकते हैं। माता चंद्रघंटा व्यक्ति के सभी दुखों का नाश करती हैं।

फलदायी होता है इन मंत्रों का जाप

या देवी सर्वभू‍तेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
अगर आप ऐश्वर्य की प्राप्ति करना चाहते हैं तो चंदन के माले पर ‘ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः, शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सा न किं जनैः’ का मंत्र पढ़ सकते हैं।

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