रांची: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) के बजट सत्र (Budget Session) के चौथे दिन गुरुवार को चालू वित्तीय वर्ष के लिए 4546 करोड़ रुपये का तृतीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित (Passed by Voice Vote) हो गया।
विपक्ष ने अनुदान मांग का विरोध किया जबकि सत्ता पक्ष ने इसका समर्थन किया। विपक्ष का कटौती प्रस्ताव खारिज हो गया।
इसके बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए हेमंत सरकार (Hemant Sarkar) शुक्रवार को बजट पेश करेगी।
खर्च करने के मामले में भी सरकार पिछले वर्ष की तुलना में इस बार आगे
बहुमत के आधार पर अनुपूरक बजट पास (Budget Pass) हो गया। वित्त मंत्री (Finance Minister) रामेश्वर उरांव (Rameshwar Oraon) ने इसे जरूरी बताया।
उन्होंने कहा कि इस साल अब तक 68.73 प्रतिशत खर्च किया जा चुका है। अनुपूरक बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 51 प्रतिशत ही था।
जाहिर है कि खर्च करने के मामले में भी सरकार पिछले वर्ष की तुलना में इस बार आगे है।
उन्होंने कहा कि पथ निर्माण के लिए 300 करोड़ से ज्यादा राशि का प्रावधान किया गया है। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग के लिए 327 करोड़ का उपबंध किया गया है।
7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की अनुशंसा के आलोक में पेंशन मद में 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 645 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान ऊर्जा विभाग (Department of Energy) के लिए किया गया है।
पहले हम खर्च करने में हांफते थे अब दौड़ रहे हैं
इसके अलावा भवन निर्माण विभाग (Building Construction Department) को 100 करोड़, वन पर्यावरण विभाग को 112 करोड़, गृह विभाग को 172 करोड़, उद्योग विभाग को 122 करोड़, पथ निर्माण विभाग को 365 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग को 136 करोड़, जल संसाधन विभाग को 162 करोड़, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण को 470 करोड़ , शिक्षा विभाग (Education Department) के लिए 371 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि पहले हम खर्च करने में हांफते थे अब दौड़ रहे हैं।
Odisha में राजस्व के रूप में 50 हजार करोड़, जबकि झारखंड को महज 10 हजार करोड़
वित्त मंत्री ने कहा कि वह जल्द ही निविदा नीति को लेकर सभी सचिवों के साथ बैठक करेंगे और निविदा नीति लाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के अनुपूरक प्रस्ताव से सरकार के राजकोषीय बजट (Fiscal Budget) पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
हमने अपनी आय के स्रोत को बढ़ाने का काम किया है। यह प्रक्रिया जारी रहेगा। अलग अलग राज्यों में अधिकारियों को भेजकर अध्ययन कराएंगे।
उन्होंने कहा कि झारखंड की तरह ही उड़ीसा (Odisha) भी खान- खदान (Mines) वाला स्टेट है लेकिन वहां खदानों से राजस्व (Revenue) के रूप में 50 हजार करोड़ मिलता है जबकि झारखंड को महज 10 हजार करोड़ इसे भी हम दुरुस्त करने में लगे हैं।