Milk Company : दुग्ध कंपनी (Milk Company) Amul के बेंगलुरु (Bangalore) में एंट्री के ऐलान से खड़ा हुआ विवाद अब बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुका है। वहीं दूसरी ओर कर्नाटक में नंदिनी ब्रांड (Nandini Brand) को बचाने की सियासत भी शुरू हो चुकी है।
लेकिन इस विवाद के बीच Nandini Brand का बिजनेस मॉडल (Business Model) भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
अन्य कंपनियों के मुकाबले सस्ता दूध बेचती
जिसकी वजह से डेयरी सेक्टर के एक्सपर्ट का मानना है कि भले ही Amul ब्रांड नाम से कारोबार करने वाला गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (GCMMF) देश का सबसे बड़ा डेयरी कोऑपरेटिव (Dairy Cooperative) है।
लेकिन उसके लिए कीमतों के फ्रंट पर नंदिनी का मुकाबला करना आसान नहीं है। असल में नंदिनी ब्रांड से कारोबार करने वाली कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) कर्नाटक में दूसरे राज्यों की तुलना में 12-15 रुपये सस्ता दूध बेचती है। और इसी कारण यह कंपनी भारत में अन्य कंपनियों के मुकाबले सस्ता दूध बेचती हैं।
एक लीटर Toned Milk की कीमत 39 रुपये प्रति लीटर
नेशनल कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (National Cooperative Dairy Federation of India Limited) के वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार स्टैण्डर्ड दूध (जिसमें 4.5 फीसदी फैट ) की विभिन्न राज्यों में कंज्यूमर प्राइस (CCP) 51-64 रुपये के बीच है।
जबकि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से जुड़ी हुई कोऑपरेटिव का CCP 43-45 रुपये है। इसके अलावा कर्नाटक में राज्य सरकार नंदिन ब्रांड पर प्रति लीटर 6 रुपये की सब्सिडी भी देती है।
ऐसे में वहां पर एक लीटर टोन्ड दूध की कीमत 39 रुपये प्रति लीटर है। जबकि दूसरे राज्यों में अमूल 52 से 54 रुपये पर बिक्री कर रही है। इसी तरह मदर डेयरी दिल्ली में 53 रुपये के रेट पर एक लीट टोन्ड दूध (Light Toned Milk) बेच रही है।
राज्य दूध की CCP (औसत)
UP 58-60
बिहार 51
छत्तीसगढ़ 60
मध्य प्रदेश 58
राजस्थान 54-60
हरियाणा 60
गुजरात 52-58
हिमाचल प्रदेश 60
कर्नाटक 43-46
महाराष्ट्र 58-62
Source : नेशनल कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
KMF से जुड़े किसानों को 15 सालों से मिल रही है सब्सिडी
कर्नाटक में KMF से जुड़े किसानों को साल 2008 से Subsidy दे रही है। इसकी शुरुआता BJP के तत्कालीन CM BS. येद्दियुरप्पा (BS. Yeddyurappa) ने की थी।
उनकी सरकार ने किसानों को 2 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी (Subsidy) देने की फैसला किया था। इसके बाद 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सिद्धारमैया (Siddaramaiah) सरकार ने इसे बढ़ाकर पहले 4 रुपये लीटर, फिर 2016 में 5 रुपये लीटर कर दिया।
जिसके एक बार फिर सत्ता में आने के बाद येद्दियुरप्पा के नेतृत्व वाली BJP की सरकार ने 6 रुपये कर दिया।