Brain malaria in Jharkhand : बरसात के साथ ही झारखंड (JHARKHAND) के पूर्वी सिंहभूम जिला में मलेरिया ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। डॉक्टरों (DOCTOR) का कहना है कि अगर लोग बरसात में सावधानी नहीं बरतते हैं, तो परेशानी बढ़ने की संभावना है।
बच्चे ब्रेन मलेरिया की चपेट में आ रहे हैं। एक सप्ताह में इसके दो से तीन मरीज मिल रहे हैंआंकड़ों के मुताबिक, इस साल मई में मलेरिया के 349 मरीज पाये गये थे। वहीं, जून में 418 मरीज मिले थे। मई में ब्रेन मलेरिया के 13 मरीज मिले थे, जबकि जून में 17 मरीज मिले।
डॉक्टरों का कहना है कि जुलाई (JULY) में वर्षा के बाद ऐसे मरीजों की संख्या और बढ़ सकती है। सर्विलांस पदाधिकारी डॉ अरशद ने बताया कि घाटशिला, डुमरिया (Dumariya) और मुसाबनी में मरीजों की संख्या ज्यादा रहती है। उन इलाकों में मलेरिया के मरीज मिलने लगे हैं।
इनमें कुछ ब्रेन मलेरिया के भी शिकार हैं। MGM अस्पताल के शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ अजय राज ने बताया कि ब्रेन मलेरिया के भी मरीजों की संख्या बढ़ी है। उन्हें MGM अस्पताल के स्पेशल वार्ड में रखा गया है। इनको देखनेवाले डॉक्टर और नर्स को विशेष रूप से ध्यान देने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने बताया कि एक सप्ताह में मलेरिया (Malaria) के दो से तीन मरीज आ जाते हैं। उन्होंने बताया कि ब्रेन मलेरिया (Malaria) खतरनाक है। यह शरीर के अलग-अलग अंगों जैसे किडनी (kidney), ब्रेन (brain) आदि को नुकसान पहुंचा सकता है। खून की कमी समेत कई तरह के प्रभाव दिखने लगते हैं।
इसमें मरीज में तेज बुखार, शरीर में कंपकंपी, बेहोशी जैसे लक्षण दिखते हैं। मरीज बार-बार बेहोश भी होने लगता है।
ये सावधानी बरतें
ब्रेन मलेरिया ( Brain Malaria) मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर की एक खास प्रजाति प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम (Plasmodium falciparum) के काटने से होता है।
डॉक्टरों सुझाव देते हैं कि इससे बचने के लिए मच्छरदानी लगाकर सोयें। अपने आसपास की जगह को साफ-सुथरा रखें, कहीं पानी जमा नहीं होने दें। साथ ही, पूरी बांह के कपड़े पहनें। डॉ अजय राज ने कहा कि अगर मलेरिया हो जाता है, तो उसे दबायें नहीं, बल्कि तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपना इलाज करायें।