BJP Party: आज की नरेंद्र मोदी और अमित शाह (Narendra Modi and Amit Shah) की भारतीय जनता पार्टी (BJP) पहले की पार्टी की तुलना में बिल्कुल अलग है, ऐसा सभी मानते हैं।
लेकिन, अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी (Atal Bihari Vajpayee and Advani) के जमाने में इसके अलग चाल, चरित्र और चेहरा की चर्चा खूब होती थी। पार्टी त्रिलोक इसे लेकर से खूब इतराते थे। पार्टी भ्रष्टाचार के मामले में अपने चेहरे को क्लीन बताती थी।
मगर, कुछ दिन पहले ही झारखंड में विधानसभा चुनाव संबंधी एक ऐसा मामला चारों ओर गर्माहट के साथ फैल गया है, जो पार्टी के चाल, चरित्र और चेहरे की हकीकत को बयां कर रहा है।
24 लाख रुपए में टिकट दिलाने की डील
अब आते हैं मुख्य मुद्दे पर। झारखंड के विधानसभा चुनाव के दौरान महगामा से टिकट दिलाने के लिए गोड्डा जिले के अमौर गांव के रहने वाले निरंजन कुमार सिन्हा (Niranjan Kumar Sinha) से 24 लख रुपए की डेल का मामला सामने आया है।
यह भी पता चला है कि टिकट दिलाने को लेकर झारखंड से राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश के दिल्ली स्थित आवास पर 24 लाख रुपए में डील हुई थी। इससे संबंधित ऑडियो भी सार्वजनिक हो चुका है।
यह जानकारी तब सार्वजनिक हुई, जब निरंजन ने यह कहा कि पैसे देने के बावजूद न उन्हें टिकट मिला और न उनका पैसा लौटाया गया। पैसा लौटाने के लिए कहने पर धमकी मिलने लगी।
सिन्हा के अनुसार, यह डील सेंटर फॉर सोशियो इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल रिसर्च के कार्यकारी निदेशक डॉ.विवेक ने की थी। मंगलवार को यह मामला सार्वजनिक होने के बाद बुधवार को भाजपा के राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने यह कहा है कि इस डील में उनका कोई हाथ नहीं है।
निरंजन ने विवेक को लीगल नोटिस भेजा तो खुल गया भेद
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि निरंजन की ओर से वकील के माध्यम से डॉ. विवेक (Dr. Vivek) को कानूनी नोटिस भेजा गया है। इसी नोटिस के बाद ही मामला सार्वजनिक हो गया।
सारे रहस्य से पर्दा उठ गया और पार्टी के चाल, चरित्र और चेहरे के एक नए एंगल को लोगों ने जान लिया। अब देखना यह है कि इस मामले में आगे और क्या-क्या होता है।