नई दिल्ली: हरिद्वार में इस वर्ष 27 फरवरी से कुंभ मेला आयोजित होने जा रहा है।
हालांकि कोरोना महामारी के दौर में आयोजित होने वाला यह कुंभ मेला बीते अन्य कुंभ मेलों से काफी अलग होगा।
इस बार कुंभ मेले के दौरान किसी भी स्थान पर संगठित रूप से भजन एवं भण्डारे की मनाही रहेगी। उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु यह नए नियम जारी किए हैं।
उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव ने कुंभ मेला क्षेत्र के लिए आदेश जारी करते हुए कहा है कि कुंभ मेले के दौरान सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में किसी भी स्थान पर संगठित रूप से भजन, गायन एवं भण्डारे के आयोजन पर पूर्णत प्रतिबन्ध रहेगा।
आपदा प्रबंधन सचिव का यह आदेश कुंभ मेला अधिकारी को दिया गया है।
उत्तराखंड सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा, होटल व अतिथि गृह में विभिन्न स्थानों व प्रत्येक कमरे में कोविड 19 की रोकथाम के लिए आवश्यक जानकारियां, गाइडलाइन्स, कंट्रोल रूम नंबर तथा नजदीकी कोविड उपचार केंद्र के नंबर प्रदर्शित किये जायेंगे।
अतिथियों का विवरण (यात्रा इतिहास, चिकित्सा स्थिति आदि) के साथ-साथ पहचान पत्र और स्वघोषणा पत्र अतिथि को स्वागत कक्ष में जमा करना होगा। प्रबन्धक द्वारा सम्बन्धित दस्तावेज संभाल कर रखे जायेंगे।
कुंभ मेले में 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों, अति संवेदनशील, व बीमार व्यक्तियों को मेले में नहीं जाने की सलाह दी गई है।
केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के आधार पर उत्तराखंड सरकार ने विभिन्न प्रदेशों से यह अनुरोध किया है।
उत्तराखंड प्रशासन के मुताबिक श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए कुंभ मेले में जाने वाले श्रृद्धालु की बस व रेलवे स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
कोविड महामारी को ध्यान में रखकर उत्तराखंड सरकार द्वारा बचाव के लिए आने वाले लोगों से सावधानियां बरतने के संबंध में दिशा निर्देश प्रसारित किए जा रहे हैं।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कुंभ यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग और आरटी-पीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य करने के लिए रेलवे बोर्ड से अनुरोध किया है।
हरिद्वार कुंभ का शाही स्नान महा शिवरात्रि के अवसर पर 11 मार्च को होगा।
संभावना यह भी जताई जा रही है कि कुंभ से पहले 11 फरवरी को मौनी अमावस्या, 12 फरवरी को फाल्गुन संक्रांति, 16 फरवरी को वसंत पंचमी, 19 फरवरी को आरोग्य रथ सप्तमी व 20 फरवरी को भीमाष्टमी का स्नान है। ऐसे में हरिद्वार जाने वाले ट्रेनों में भीड़ होने की संभावना है।