नई दिल्ली : कोरोना महामारी की वजह से इस बार कुंभ मेले की अवधि घटा दी गई है। इस साल कुंभ मेला 1 से 30 अप्रैल तक ही चलेगा।
पहले कुंभ मेले की शुरुआत 27 फरवरी से होनी थी और इसका समापन 27 अप्रैल को होना था, लेकिन बाद में कार्यक्रम बदल दिया गया।
अब कुंभ मेला 1 से 30 अप्रैल के बीच आयोजित किया जाएगा। कुंभ में स्नान के लिए इस बार पहले से पंजीकरण कराना जरूरी होगा।
इस बार 12 अप्रैल, 14 अप्रैल और 27 अप्रैल को शाही स्नान के साथ कुंभ सम्पन्न होगा।
कुंभ मेले में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को इस बार कई नियमों का पालन करना होगा।
सभी आश्रमों, धर्मशालाओं, होटलों और अतिथि गृहों में ठहरने वाले प्रत्येक व्यक्ति को हरिद्वार आने की तारीख से 72 घंटे पहले तक की नेगेटिव कोविडट आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट लेकर आना जरूरी होगा।
आश्रम या धर्मशाला में केवल उसी व्यक्ति को प्रवेश मिलेगा जिसके पास एंट्री पास होगा और हथेली के ऊपरी भाग पर अमिट स्याही का चेक्ड मार्क होगा।
हरिद्वार में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति अथवा यात्री को महाकुंभ मेला 2021 के वेब पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा।
इस बार केवल रजिस्टर्ड लोगों को ही एंट्री दी जाएगी। कुंभ मेले के दौरान संपूर्ण मेला क्षेत्र में किसी भी स्थान पर संगठित रूप से भजन गायन और भंडारे के आयोजन पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।
कुंभ मेले के दौरान अनावश्यक भीड़ भाड़ से बचने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए अहम स्नान, पर्व स्नान, शाही स्नान के दिन केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानें ही खुलेंगी जैसे- भोजन, डेयरी, दवा, पूजन सामग्री और कंबल आदि की दुकानें ही खुलेगी।
किसी भी श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान के लिए अधिकतम 20 मिनट दिए जाएंगे। इसके बाद श्रद्धालुओं की निकासी के लिए पर्याप्त मानव संसाधन की तैनाती की जाएगी ताकि अगला जत्था पवित्र स्नान कर सके।
स्नान घाट या घाट क्षेत्र में तैनात सभी कर्मी यथासंभव पीपीई किट से लैस होंगे और सभी सुरक्षा उपायों का पालन करेंगे।
इन सबके अलावा थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क का हर समय अनिवार्य उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन किया जाएगा।
बस स्टैंड, स्टेशन, डिपो पर कुंभ मेला प्रवेश के लिए पंजीकरण पत्र और कोविड-19 की नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दिखाने के बाद ही यात्रियों या श्रद्धालुओं को बस में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।