नई दिल्ली: कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच एक राहत देने वाली खबर यह है कि जिन मरीजों को एक बार कोरोना हो चुका है उन्हें अब दोबारा संक्रमण होने का खतरा फिलहाल नहीं दिख रहा है।
दुनिया भर में वायरस के म्यूटेशन के बाद भी पहले से संक्रमित हुए लोग इस वायरस की चपेट में नहीं आ रहे हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है हालांकि इस तरह के ट्रेंड पर अभी बहुत नजर रखने की ज़रूरत है।
वायरस के बदलाव पर नजर रखने वाले सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के निदेशक डॉक्टर राकेश मिश्रा का कहना है कि यूके में अभी जो 501वाई म्यूटेशन के मामले देखे जा रहे हैं उसमें दोबारा संक्रमण नहीं देखा गया है।
ऐसे ही ब्राजील में भी हुआ। वहां भी वायरस के बदलाव के बाद उन लोगों में संक्रमण नहीं हुआ, जिन्हें पहले कोरोना हो चुका था।
डॉक्टर मिश्रा बताते हैं कि दोबारा कोरोना के मामले तो बढ़ रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि जिन्हें पहले कोरोना हो गया उन्हें फिर से संक्रमण हो रहा है।
विश्व भर में दोबारा संक्रमण होने के मामले बहुत कम देखे गए हैं।
उनका कहना है कि यह वर्तमान की स्थिति है, लेकिन हम इस बात के लिए आश्वस्त नहीं है कि भविष्य में यदि वायरस का अधिक म्यूटेशन होता है, तो उसमें भी दोबारा संक्रमण होने की संभावना नहीं होगी।
इसलिए यह बहुत जरूरी है कि हम कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की कड़ी निगरानी करें और इसके लिए लापरवाह न हों कि अगर एक बार कोरोना हो गया है तो अब वे सुरक्षित हैं।
अभी के परिदृश्य में तो यह सुरक्षित है लेकिन आगे क्या होगा इस संबंध में लगातार शोध चल रहे हैं।
इसलिए बेहद ज़रूरी है कि बचाव के लिए सभी जरूरी मानक जैसे मास्क पहनना, दो गज की दूरी का पालन करना, बार-बार हाथ धोना, भीड़ वाली जगह से जाने से बचना आदि का पालन करते रहे।
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस अपना स्वरूप लगातार बदल रहा है।
ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि अपने देश में भी बदला हुआ स्वरूप नहीं पहुंचेगा।
कोविड-19 पर नजर रखने वाले देश के तमाम संस्थानों ने अब तक की जांच में पाया है कि वायरस के बदले हुए स्वरूप के मामले महज 300 ही अपने देश में रिकॉर्ड किए गए हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है जो वैक्सीन बनाई गई है वह वायरस के वर्तमान बदले हुए स्वरूप से लड़ने के लिए भी कारगर है।
इसलिए अब डरने की कोई बात नहीं है लेकिन हमें अपने बचाव के पुख्ता इंतजाम करते रहने होंगे।