इस्लामाबाद: एक्स्ट्रा जुडिशियल मर्डर, बलपूर्वक गायब करना और गैर कानूनी कैद के रूप में पाकिस्तानी प्रतिष्ठान द्वारा किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ पश्तून तहफूज़ मूवमेंट ने गुरुवार को उत्तरी वजीरिस्तान में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया, जिसमें हजारों पश्तूनों ने भाग लिया।
पीटीएम ने उत्तरी वजीरिस्तान के मीरानशाह में व्यापक जनसमूह इकट्ठा किया था। पाकिस्तान सीनेट के पूर्व सदस्य अफरासीआब खट्टक ने कहा कि पीटीएम के सदस्य डूरंड लाइन के दोनों तरफ संभावित युद्ध को टालने की कोशिश कर रहे हैं।
एक और मानवाधिकार कार्यकर्ता और पीटीएम के समर्थक खोर बीवी ने कहा कि पश्तूनों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध उत्तरी वजीरिस्तान के मीरानशाह में हजारों पश्तून इकट्ठा हुए हैं।
पश्तून पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा नस्लीय समूह है जोकि देश की आबादी का 15% है। पीटीएम एक सिविल राइट मूवमेंट है जोकि पाकिस्तान के पश्तून बेल्ट में सरकार द्वारा पोषित आतंकवाद और मानव अधिकार के हनन के खिलाफ आवाज उठाता है।
पाकिस्तान में जिस तरह से नागरिकों का एक बड़ा समूह मारा गया और कइयों को बलपूर्वक गायब कर दिया गया, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि पाकिस्तान आर्मी पश्तूनों का नरसंहार कर रही है।
पाकिस्तान में पश्तूनों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले पश्तून तहफूज़ मूवमेंट के कई नेताओं को डराया धमकाया गया और गिरफ्तार किया गया।
मई में पीटीएम के एक नेता आरिफ वजीर पर उत्तरी वजीरिस्तान के वाना में हमला हुआ था, जिसमें वह घायल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई थी। हालांकि पाकिस्तानी मीडिया इस जनसमूह पर चुप्पी साधे हुए है परन्तु पत्रकार और कार्यकर्ता पूरे देश भर से ट्वीट कर रहे हैं।