लखनऊ: गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ (Atiq Ahmed and Ashraf) की गोली मारकर हत्या करने वाले तीन हमलावरों को अस्पताल में मीडियाकर्मियों के समूह में शामिल होने से पहले असली पत्रकारों की तरह व्यवहार करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था।
आरोपियों की मदद करने वाले तीन लोगों को विशेष जांच दल ने हिरासत में लिया है।
पुलिस ने कहा कि एक स्थानीय समाचार वेबसाइट (News Website) के लिए काम करने वाल तीन लोगों ने तिवारी को रिपोर्टिग का तरीका बताया और एक कैमरा खरीदने में उनकी मदद की।
गोली मारने से पहले पूरे दिन पत्रकार के रूप में दोनों का पीछा किया
मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने उन्हें बांदा रेलवे स्टेशन (Banda Railway Station) से हिरासत में लिया है। पुलिस ने कहा कि हत्यारों लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह ने 15 अप्रैल को अतीक व अशरफ को गोली मारने से पहले पूरे दिन पत्रकार के रूप में दोनों का पीछा किया था।
इस बीच गुरुवार को भी शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) की तलाश जारी रही। लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है।