जयपुर: राजस्थान के 17 जिलों में एवियन इन्फ्लूएंजा के संक्रमण की पुष्टि होने के 27 दिन बाद जालोर जिले में 10 फरवरी को मरे 17 कौओं में से 3 सैम्पल्स में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है।
करीब 4 दिन पहले कौए मरे हुए मिले थे।
इन कौओं के सैंपल जांच के लिए भोपाल लैब भेजे गए थे, जिनमें से तीन की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
इससे पहले आखिरी बार 16 जनवरी को प्रदेश में बर्ड फ्लू का केस भीलवाड़ा में सामने आया था।
पशुपालन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 10 फरवरी को जालोर में 17 कौए मरे हुए मिले थे।
लंबे समय बाद मृत कौए मिलने पर पशुपालन विभाग की टीम ने 5 सैंपल जांच के लिए भोपाल स्थित लैब में भिजवाए थे जिनमें से 3 सैंपल पॉजिटिव पाए गए।
जालोर में सैंपल पॉजिटिव आने के बाद अब राज्य में बर्ड फ्लू से प्रभावित जिलों की संख्या 17 से बढ़कर 18 हो गई है।
राज्य में बर्ड फ्लू से अब तक कुल 7629 पक्षी अपना दम तोड़ चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा 1736 पक्षियों की मौत जयपुर जिले में हुई है।
पक्षियों की सबसे ज्यादा मौत जनवरी के पहले पखवाड़े में हुई थी। इसके चलते जयपुर के चिड़ियाघर को भी लंबे समय तक दर्शकों के लिए बंद रखा गया था।
यहां भी कुछ पक्षियों की मौत हुई थी और उनमें पॉजिटिव केस भी सामने आए थे। राज्य के 33 जिलों में से एकमात्र उदयपुर जिला ऐसा है, जहां अब तक एक भी पक्षी असामान्य कारण से नहीं मरा हैं।
राज्य में यह संक्रमण फैलने के बाद सबसे अधिक कौए मरे हैं, जिनकी संख्या 5 हजार 229 है। कौओं के अलावा 498 मोर, 727 कबूतर, 1 हजार 103 दूसरे पक्षी भी मरे हैं।
प्रदेश के कोटा, बूंदी, बांसवाड़ा और उदयपुर में तो कुछ केस मुर्गे-मुर्गियों के भी मरने के सामने आए थे, लेकिन उनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी।