रांची: आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) ने भाकपा माओवादी और विभिन्न आपराधिक गिरोहों को हथियार और कारतूस मुहैया करानेवाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन सप्लायर को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार हथियार सप्लायरों में सीआरपीएफ 182वीं बटालियन का आरक्षी अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा, ऋषि कुमार और पंकज कुमार सिंह शामिल हैं। इनके पास से 5.56 एमएम का 450 चक्र गोलियां बरामद की गयी हैं।
एटीएस एसपी प्रशांत आनंद ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि तीनों की गिरफ्तारी बिहार एसटीएफ के सहयोग से की गयी है। अभी तक की पूछताछ के क्रम में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि तीनों आरोपियों द्वारा भाकपा माओवादी संगठन को भारी मात्रा में एके 47 और इंसास रायफल का कारतूस उपलब्ध कराया गया है। इनके द्वारा विभिन्न आपराधिक गिरोहों, जिसमें अमन साहू गिरोह भी शामिल है, को भी हथियार और कारतूस मुहैया कराया गया है।
एसपी ने बताया कि इन आरोपियों की निशानदेही पर अभी तक कुल 450 चक्र 5.56 एमएम के जिंदा कारतूस, जो इंसास रायफल में प्रयोग किये जाते हैं, बरामद हुए हैं।
एटीएस एसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू सीआरपीएफ 182वीं बटालियन में आरक्षी के रूप में पुलवामा में पदस्थापित था, जो पिछले चार माह से कार्य से अनुपस्थित रहा है। वह 24 अगस्त 2011 को मोकामा ग्रुप सेंटर से सीआरपीएफ में बहाल हुआ था। पूर्व में 112वीं बटालियन सीआरपीएफ लातेहार तथा 204वीं बटालियन कोबरा जगदलपुर में पदस्थापित रहा है। वर्ष 2017 से 182वीं बटालियन पुलवामा में पदस्थापित है।
उन्होंने बताया कि आरोपी अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा अपराधी अमन साव (रांची), हरेंद्र यादव (गुरवा, गया, बिहार) तथा लल्लू खान (प्रतापपुर, चतरा) के संपर्क में था। हरेंद्र यादव और लल्लू खान वर्तमान में शेरघाटी तथा गया जेल में बंद हैं।
एसपी ने बताया कि दूसरे गिरफ्तार आरोपी ऋषि कुमार हटिया, रांची में ट्रांसपोर्टेशन का कार्य तथा एयरपोर्ट रोड रांची में भवन निर्माण का काम करता था।
इसी दौरान यह ठेकेदार संजय सिंह और मुहाहिर के संपर्क में आया, जो चाईबासा-सरायकेला क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य कर रहे थे। माओवादियों द्वारा उक्त ठेकेदारों को गोली उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गयी थी। उक्त ठेकेदारों से बैंक खाते में तथा नकद राशि प्राप्त कर कई खेपों में गोली उपलब्ध कराने का कार्य किया है।
एसपी ने बताया कि तीसरे गिरफ्तार आरोपी पंकज कुमार सिंह मुजफ्फरपुर (बिहार) का रहनेवाला है। वह वर्तमान में धनबाद के भूली में रहकर कोयला और जमीन का कारोबार कर रहा था। वह झारखंड और बिहार के अलावा असम और नगालैंड में हथियार एवं कारतूस सप्लाई करता था।
एसपी ने बताया कि इन आरोपियों से पूछताछ के क्रम में आतंकवाद निरोधी दस्ता को हथियार एवं कारतूस के विभिन्न स्रोतों तथा इस अवैध कार्य से जुड़े अन्य अपराधियों के बारे में महत्वपूर्ण सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। इस संबंध में गहनता से छानबीन एवं अनुसंधान किया जा रहा है।
आतंकवाद निरोधी दस्ता द्वारा भाकपा माओवादी संगठन एवं अन्य उग्रवादी तथा आपराधिक गिरोहों को हथियार तथा कारतूस उपलब्ध करानेवाले गिरोहों के विरुद्ध संघन कार्रवाई करने के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक आशुतोष कुमार सत्यम एवं पुलिस उपाधीक्षक भोला प्रसाद सिंह द्वारा किया जा रहा है। एसपी ने बताया कि छापामारी टीम में विशाल पांडेय, विश्वजीत कुमार सहित एटीएस के सशस्त्र बल शामिल थे।