नई दिल्ली: किसान आंदोलन को नई दिशा देने वाले किसान नेता राकेश टिकैत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उनकी प्रॉपर्टी को लेकर जो चीजें सोशल मीडिया पर चलाई जा रही हैं, वो सही नहीं हैं।
एक सवाल पर टिकैत ने कहा कि लोगों ने उनकी संपत्ति कम बताई है। उनके पास हजारों करोड़ की प्रॉपर्टी है। इसके बारे में खुद उन्हें भी ठीक तरह से नहीं पता है।
कई पटवारी और अफसर लगाने पड़ेंगे, तभी उसका सही आंकलन हो सकता है। उनका कहना था कि सारे किसानों की प्रापर्टी हमारी है। जो पेट्रोल पंप हमको तेल फ्री देते हैं वो सब हमारे हैं।
आंदोलन में किसानों की संख्या कम होने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि किसान खेत में काम भी करेगा और यहां भी बैठेगा। उनसे सवाल किया गया कि अब संयुक्त किसान मोर्चा से उनके मतभेद की सामने आ रही हैं तो टिकैत का कहना था कि कुछ नहीं मिला तो 40 लोगों में दरार डालने की कोशिशें शुरू कर दी गई हैं।
उनका कहना था कि संयुक्त किसान मोर्चा एकजुट है और सभी हमारे लोग हैं। हम आपस में चर्चा करके ही आंदोलन से जुड़ा फैसला लेते हैं।
उनसे सवाल किया गया कि गन्ना की पर्चियों पर जीरो-जीरो क्यों लिखा आ रहा है। एमएसपी क्यों नहीं बताई जा रही है। टिकैत का कहना था कि ये आप पता करो। क्या कभी ऐसे होता है।
कभी आप सामान खरीदोगे तो क्या ऐसा होता कि रेट घर जाकर लगा लेना। उनका कहना था कि हर चीज की कीमत होती है तो गन्ने की पर्ची पर कीमत क्यों दर्ज नहीं है।
हम गन्ना दे रहे हैं 3-4 महीने से और उसका कोई रेट तय नहीं हो रहा है।
जब उनसे सवाल किया गया कि क्या इस बारे में सरकार से कोई बात हुई है तो उनका कहना था कि ये आंदोलन इसी बात के लिए चलाया जा रहा है।
टिकैत के मुताबिक, किसानों को सही कीमत दिलाना ही आंदोलन का मकसद है और जब तक एमएसपी नहीं मिलती आंदोलन खत्म नहीं होगा। टिकैत का कहना था कि उनका ध्येय सारे देश के किसानों को एकजुट करना है।
इसके लिए सारे देश में मार्च करने की योजना संयुक्त किसान मोर्चा ने बनाई है।
देश के कोने-कोने में जाकर पंचायत के जरिए किसानों को अब जागरूक करने का काम जल्दी शुरू होगा। उनका कहना था कि सभी किसान नेताओं से बात करके इस मिशन के बारे में कोई तारीख तय की जाएगी।