नई दिल्ली: नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन इतना जल्दी खत्म नहीं होने वाला है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम दिसंबर तक दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे।
बता दें कि सैकड़ों की संख्या में किसान पिछले साल नवंबर से ही दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं।
टिकैत ने कहा कि हम गर्मी से नहीं डरते हैं, पंखे लगा लिए हैं। 26 जनवरी के दिन दिल्ली किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा को लेकर टिकैत ने कहा कि किसान केस से नहीं डरते हैं।
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र इन कानूनों को वापस नहीं लेता और एमएसपी को नूनी गारंटी नहीं दी जाती है।
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन नवंबर-दिसंबर तक चलेगा टिकैत ने यह स्पष्ट करते हुए कहा है कि सरकार गलतफहमी में ना रहे कि किसान कहीं भी जा रहे हैं।
उन्होंने किसानों की एक महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा है कि सरकार को लगता है कि किसान गर्मियों में घर लौट जाएंगे।
पहले भी उन्होंने सोचा था कि कड़ी सर्दियों में हम घर लौट जाएंगे, लेकिन हम कही नहीं जा रहे हैं, हमने वहां पंखे आदि लगा दिए हैं।
टिकैत ने आरोप लगाया कि किसान आंदोलन में मदद करने वाले व्यक्ति सरकारी एजेंसियों की उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कानून किसानों के पक्ष में नहीं हैं।
टिकैत ने कहा कि केंद्र का अगला लक्ष्य ऐसी स्थिति बनाना है कि किसान खुद ही अपनी जमीन छोड़ दें।
उन्होंने कहा कि अगले 20 वर्षों में आपकी जमीन छीनने की उनकी योजना है।
टिकैत ने कहा कि सरकार का लक्ष्य किसानों को मजदूर में बदलना है और ऐसा होने पर उन्हें गांवों से सस्ते मजदूर मिल जाएंगे।