रांची: राज्य के सभी निजी नर्सिंग होम, अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर को 30 जनवरी तक क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया गया है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन कुलकर्णी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी व्यक्ति या संस्थान किसी भी प्रकार का क्लिनिक, नर्सिंग होम, अस्पताल आदि का संचालन नहीं कर सकता है।
साथ ही सभी निजी क्लिनिक, नर्सिंग होम और अस्पताल को अपने संस्थान के पूछताछ केंद्र के समीप ही चिकित्सक का नाम, उनकी योग्यता, मेडिकल काउंसिल रजिस्ट्रेशन नंबर और अस्पताल में दी जाने वाली सेवाओं का शुल्क हिंदी और अंग्रेज में प्रदर्शित करना है।
आदेश में कहा है कि जो 30 जनवरी के बाद बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित होंगे, उन पर कानूनी कार्रवाई होगी।
50 हजार से 5 लाख का जुर्माना
क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे चिकित्सकीय संस्थानों पर 50 हजार से पांच लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है।
पहली बार पकड़े जाने पर 50 हजार, दूसरी बार में दो लाख और उसके बाद पांच लाख जुर्माना का प्रावधान किया गया है।
बताते चलें कि राज्य में अभी भी कई संस्थान बिना निबंधन के चल रहे हैं।