BJP Leader Amit Malviya : TMC की सांसद महुआ मोइत्रा की समस्याएं (Mahua Moitra Issues) कम नहीं हो रही।
पैसे लेकर संसद में बयान देने के मामले में अब उनकी पार्टी ने भी उनसे दूरी बना ली है। TMC के इस रुख को लेकर BJP नेता अमित मालवीय ने महुआ मोइत्रा पर तंज कसा है।
ममता बनर्जी ने महुआ मोइत्रा को छोड़ दिया
उन्होंने सोशल साइट एक्स पर किए एक पोस्ट में लिखा कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने महुआ मोइत्रा को छोड़ दिया है।
वह अभिषेक बनर्जी के अलावा किसी और का बचाव नहीं करेंगी, जो कम अपराधी नहीं हैं… कई TMC नेता गंभीर भ्रष्टाचार और आपराधिक आरोपों में जेल में हैं, लेकिन ममता बनर्जी ने चुप्पी साध रखी है।
TMC ने झाड़ा इस विवाद से पल्ला
महुआ मोइत्रा से जुड़े विवाद पर TMC ने कल यानी कि शनिवार को टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था। TMC के पश्चिम बंगाल महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी के पास इस मुद्दे पर कहने के लिए कुछ नहीं है। पार्टी को लगता है कि जिस व्यक्ति के इर्द-गिर्द यह विवाद चल रहा है, वही इस पर प्रतिक्रिया दे सकता है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक TMC इस विवाद में पड़ना नहीं चाहती है और इससे दूरी बनाए रखेगी। महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से 2 करोड़ रुपये नकद लेने का आरोप है।
BJP सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर इन आरोपों की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि इस बात की जांच की जाए कि महुआ मोइत्रा ने बिजनेसमैन से रिश्वत ली और उन्हें अपने संसद लॉगिन क्रेडेंशियल भी दिए।
सांसद के कार्यों की जांच की मांग
सांसद के कार्यों की जांच की मांग की। लोकपाल को दी शिकायत में बीजेपी नेता ने कहा है कि उनके पास सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई की एक चिट्ठी है, जिसमें महुआ मोइत्रा के खिलाफ “विस्तृत सबूत के साथ हैरान करने वाले तथ्य” दिए गए हैं।
निशिकांत दुबे ने शनिवार को लोकपाल में भी महुआ के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाते हुए TMC सांसद के कार्यों की जांच की मांग की। लोकपाल को दी शिकायत में BJP नेता ने कहा है कि उनके पास सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई की एक चिट्ठी है, जिसमें महुआ मोइत्रा के खिलाफ “विस्तृत सबूत के साथ हैरान करने वाले तथ्य” दिए गए हैं।
मैं हर सवाल का जवाब देने को तैयार
महुआ के खिलाफ आरोपों को बेहद गंभीर बताते हुए लोकसभा आचार समिति के प्रमुख विनोद सोनकर ने कहा कि समिति पहले निशिकांत दुबे के पत्र और दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे की जांच करेगी।
इसके बाद महुआ मोइत्रा का पक्ष भी सुना जाएगा। महुआ ने अपने खिलाफ लगे आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। वह लोकसभा की आचार समिति के सवालों का सामना करने के लिए भी तैयार हैं।
‘महुआ ने कब और कहां ली रिश्वत’
शिकायत में कहा गया है कि चिट्ठी में वकील देहाद्राई ने विस्तार से बताया है कि महुआ मोइत्रा ने एक बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से कैसे, कब और कहां रिश्वत ली।
वहीं दर्शन हीरानंदानी (Hiranandani) ने दावा किया है कि महुआ मोइत्रा ने उनसे बार-बार मांगें कीं और उनसे महंगी लग्जरी चीजों समेत कई अन्य चीजें भी गिफ्ट में मांगी।
Businessman ने यह भी आरोप लगाया कि सांसद ने उन्हें अपने संसद लॉगिन क्रेडेंशियल (Login Credentials) दिए थे और उन्होंने अडाणी ग्रुप पर हमला करने को फेमस होने के तरीके के रूप में देखा।