Mahua Moitra Withdraws Defamation Case : TMC सासंद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने मीडिया हाउसेस के खिलाफ दायर किया गया मानहानि का केस (Defamation Case) वापस ले लिया है।
महुआ के वकील ने कहा कि वह इस चरण में किसी तरह की अंतरिम राहत के लिए दबाव नहीं डाल रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में महुआ मोइत्रा की याचिका पर आज सुनवाई हुई।
महुआ ने वापस लिया केस
लोकसभा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में दुबे ने दावा किया कि हाल में, खासकर ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ (‘Hindenburg Research’) की एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट के बाद लोकसभा में उनके द्वारा पूछे गए 61 प्रश्नों में से 50 प्रश्न (गौतम) अडाणी समूह पर केंद्रित थे, जिस व्यापारिक समूह पर तृणमूल कांग्रेस सांसद अक्सर कदाचार का आरोप लगाती रही हैं।
अदालत ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद को दुबे और देहाद्रई को छोड़कर सभी प्रतिवादियों को हटाने की उनकी इच्छा के मद्देनजर पक्षकारों का एक संशोधित ज्ञापन दाखिल करने की अनुमति दी।
निशिकांत दुबे की ओर से पेश वकील अभिमन्यु भंडारी (Abhimanyu Bhandari) ने दलील दी कि मोइत्रा ने झूठी गवाही दी है क्योंकि अपने खिलाफ सभी आरोपों से इनकार करने के बाद उन्होंने एक कारोबारी के साथ अपनी लॉगिन संबंधी गोपनीय जानकारी साझा करने की बात स्वीकार कर ली है। अदालत ने मामले को दिसंबर में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
दो लोगों के खिलाफ जारी रहेगा केस
महुआ के वकील ने न्यायमूर्ति सचिन दत्ता को बताया कि मुकदमा सिर्फ दो प्रतिवादियों – भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई (Jai Anant Dehadrai) के खिलाफ जारी रहेगा।
निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक उद्योगपति से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मोइत्रा के खिलाफ आरोपों के संबंध में जांच समिति के गठन का अनुरोध किया था।
वकील देहाद्रई से मिले एक पत्र का हवाला देते हुए दुबे ने कहा है कि वकील ने एक उद्योगपति द्वारा तृणमूल कांग्रेस नेता (Trinamool Congress leader) को कथित तौर पर रिश्वत दिए जाने के ‘ठोस’ सबूत साझा किए हैं।