पणजी :गोवा में बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को पर्यावरण कार्यकर्ता सुभम कर चौधरी को ट्रांजिट जमानत दे दी।
चौधरी ने जमानत याचिका में दावा किया है कि उन्हें ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में झूठा फंसाया जा रहा है।
मामले में बेंगलुरू स्थित जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता दिशा रवि को हाल ही में जमानत मिली है।
चौधरी को जमानत देने के आदेश में, न्यायमूर्ति एम.एस. जावलकर ने कहा कि
गिरफ्तारी से राहत के लिए आवेदक की ओर पेश तथ्य न्यायोचित हैं।
न्यायाधीश ने चौधरी को 10 दिन की जमानत दी।
वर्तमान में गोवा के रहने वाले चौधरी ने टूलकिट मामले की जांच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तारी की आशंका व्यक्त की है, जिसमें दो अन्य व्यक्ति शांतनु मुलुक और निकिता जैकब पुलिस के रडार पर हैं।
चौधरी ने अपनी जमानत अर्जी में कहा था कि वह मुलुक और जैकब के संपर्क में थे, लेकिन उनकी बातचीत पूरी तरह से एक अन्य परियोजना के संबंध में थी। दोनों के खिलाफ टूलकिट मामले में साजिश और राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
29 साल के चौधरी कई महीनों से गोवा में रह रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र के साथ खजान खेती के रूप में संदर्भित गोवा के अनोखे एस्टेराइन लैंड फार्मिग सिस्टम को मान्यता का अभियान चला रहे हैं।