नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने अब तक कुल 22 एफआईआर दर्ज की हैं।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बुधवार को ये जानकारी दी।
ये एफआईआर दंगों से संबंधित कानूनों के तहत दर्ज की गई हैं, जिसमें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और हथियारों के साथ सरकारी कर्मचारियों पर हमला करना शामिल है।
पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनकारियों की पहचान करने के लिए वीडियो फुटेज का अध्ययन करना शुरू कर दिया है। उन लोगों की पहचान की जाएगी जिन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और दिल्ली पुलिस कर्मियों पर हमला किया।
दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के साथ तय किए गए समय से पहले ट्रैक्टर मार्च करने वाले किसानों द्वारा की गई हिंसा में 86 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि किसानों ने 26 जनवरी को सुबह लगभग 8.30 बजे सिंघु सीमा पर लगभग 6,000-7,000 ट्रैक्टरों के साथ रैली की योजना बनाई थी।
पहले से तय योजना के अनुसार, उन्हें संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर पहुंचना था और फिर वहां से दाहिना मोड़ लेना था।
लेकिन प्रदर्शनकारियों में शामिल निहंगों ने घोड़े पर सवार होकर हाथ में तलवार लिए मुकरबा चौक और ट्रांसपोर्ट नगर के बीच लगाए गए बैरिकेड तोड़ दिए।
दिल्ली पुलिस ने कहा, आईटीओ पर गाजीपुर और सिंघु सीमाओं से आए किसानों के एक समूह ने नई दिल्ली जिले में घुसने का प्रयास किया।
जब उन्हें पुलिसकर्मियों ने रोका तो किसानों का एक वर्ग हिंसक हो गया और बैरिकेड्स तोड़ दिए और लोहे की ग्रिल को क्षतिग्रस्त कर दिया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सड़क के डिवाइडर और यहां तक कि अपने ट्रैक्टरों के साथ बैरिकेड्स पर तैनात पुलिसकर्मियों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की भी कोशिश की गई।
किसान उसके बाद लाल किला पहुंच गए और वहां किसान संघ के झंडे लहराए। उन्होंने किसान संघ के झंडे के साथ-साथ सिख धर्म के झंडे भी फहराए।
पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच ये खेल मंगलवार देर शाम तक जारी रहा। ज्यादातर घटनाएं मुकरबा चौक, गाजीपुर, ए-पॉइंट आईटीओ, सीमापुरी, नांगलोई टी-पॉइंट, टिकरी बॉर्डर और लाल किले में हुई।