नई दिल्ली : कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी के विकृत रूप के खिलाफ आने वाली 26 फरवरी को भारत व्यापार बंद का ऐलान किया है।
व्यापारी नेताओं ने दावा किया कि भारत बंद में 8 करोड़ से अधिक कारोबारी हिस्सा लेंगे।
एक बयान में कैट ने बताया कि यह निर्णय नागपुर में कैट द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में देश के सभी राज्यों के 200 से अधिक प्रमुख व्यापारी नेताओं ने संयुक्त रूप से लिया है।
इसका ऐलान कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल तथा ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने संयुक्त रूप से किया है।
भरतिया और खंडेलवाल ने जीएसटी काउंसिल द्वारा जीएसटी के स्वरूप को अपने फायदे के लिए विकृत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जीएसटी पूरी तरह से एक फेल टैक्स व्यवस्था है।
जीएसटी का जो मूल स्वरूप है उसके साथ खिलवाड़ किया गया है। सभी राज्य सरकारें अपने निहित स्वार्थों के प्रति ज्यादा चिंतित है और उन्हें कर प्रणाली के सरलीकरण की कोई चिंता नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश के व्यापारी कारोबार करने की बजाय जीएसटी कर पालन करने में दिन भर जुटे रहते हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए विपरीत स्थिति है। ऐसे में जीएसटी के वर्तमान स्वरूप पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है।
बयान के मुताबिक, चार साल में लगभग 937 से ज्यादा बार संशोधन होने के बाद जीएसटी जा बुनियादी ढांचा ही बदल गया है।
बार-बार कहने के बावजूद जीएसटी काउंसिल ने अभी तक कैट द्वारा उठाए गए मुद्दों का कोई संज्ञान नहीं लिया है, इसलिए व्यापारियों को अपनी बातों को देश भर के लोगों को बताने के लिए भारत व्यापार बंद का ऐलान किया है।