Tribal-indigenous People: मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि 1855 में आज ही के दिन भोगनाडीह से अमर वीर शहीद सिदो-कान्हू के नेतृत्व में आदिवासियों ने अन्याय, शोषण और ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ बिगुल फूंका था। आज पूरा देश अपने इन महानायकों को नमन कर रहा है। यह प्रेरणा दिवस है।
मुख्यमंत्री रविवार को हूल दिवस के अवसर पर भोगनाडीह में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम सभी अपने अमर शहीद सिदो कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो के इतिहास, संघर्ष और बलिदान से प्रेरणा लेकर अपने समाज और राज्य को मजबूत बनाने का संकल्प लें। उनके आदर्शों के अनुरूप झारखंड को संवारना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड वीरों और शहीदों की धरती है। इस प्रदेश के कोने-कोने से अनेकों महानायक निकले हैं, जिन्होंने अन्याय, शोषण तथा गुलामी को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने अपनी भाषा, संस्कृति, परंपरा, सभ्यता और जल, जंगल, जमीन बचाये रखने के लिए लंबा संघर्ष किया। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ उलगुलान कर अंग्रेजों की जड़ें हिला दी। अपने संकल्प पर अडिग रहते हुए शहीद हो गये। इन पूर्वजों के बलिदान का परिणाम है कि आज आदिवासी-मूलवासी सुरक्षित हैं।
बदल रहा झारखंड
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में झारखंड में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। हमारी सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और योजनाओं से राज्य विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमारी योजनाएं घर-घर तक पहुंच रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वारा अभियान के दौरान लाखों आवेदन हमें मिले। इन आवेदनों के माध्यम से हमें जनता की विभिन्न समस्याओं की पूरी गहराई से जानकारी मिली। लोगों की समस्याओं के आधार पर ही हम योजनाएं बना रहे हैं, ताकि इसका लाभ हर किसी को मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड तभी आगे बढ़ेगा, जब यहां की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक व्यवस्था मजबूत होगी। इसी सोच के साथ हमारी सरकार कार्य कर रही है। आदिवासियों-मूलवासियों, गरीबों, मजदूरों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को सशक्त बना रहे हैं। अपनी इन व्यवस्थाओं को मजबूत कर ही हम राज्य को नयी दिशा और दशा दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में खनिज और प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता है। इस लिहाज से झारखंड काफी धनी है, लेकिन यहां के लोग आज भी गरीब हैं। यहां के खनिज संसाधनों से दूसरे राज्य आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन झारखंड पिछड़ा राज्य में ही गिना जाता है। अब इसमें बदलाव देखने को मिल रहा है। हमारी सरकार ने संकल्प लिया है कि झारखंड को विकसित राज्य बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की अनेकों योजनाएं हैं, जिनका लाभ यहां के लोगों को मिल रहा है। चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, सिंचाई, पशुपालन, उद्योग, खेल या और कोई सेक्टर, हर किसी के लिए योजनाएं हैं। आप इन योजनाओं से जुड़ें और अपने को सशक्त बनाने के साथ राज्य के विकास में भागीदार बनें।
अपनी अस्मिता और पहचान को खोने नहीं देंगे : हेमंत सोरेन
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यवासियों को हूल दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि हम वर्षों से हूल दिवस मनाते चले आ रहे हैं। आज इस अवसर पर संकल्प लेकर राज्य के विकास में जो भी चुनौतियां सामने आयेंगी, उसका मुकाबला पूरी ताकत के साथ किया जायेगा। हमें अपने अधिकार को हर हाल में लेना है और इसके खिलाफ साजिश रचनेवालों को जवाब देना है। हमें जल, जंगल और जमीन को हर हाल में बचाना है। क्योंकि, इसी की खातिर हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया था। हम अपनी अस्मिता और पहचान को किसी कीमत पर मिटने नहीं देंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों में हमने झारखंड में बदलाव लाने का काम किया है। अब सरकार हेडक्वार्टर से नहीं, बल्कि गांव से चलती है। हमारी योजनाएं धरातल पर उतरती हैं, जिसका लाभ समाज का अंतिम पंक्ति का व्यक्ति भी उठा रहा है। युवाओं को रोजगार देने के क्षेत्र में भी सरकार ने कई कदम उठाये हैं। झारखंड की संपदा पर पहला हक झारखंडवासियों का है। इसी सोच के साथ राज्य सरकार आगे बढ़ रही है।
396 योजनाओं की मिली सौगात
इस दौरान मुख्यमंत्री ने 29026.745 लाख रुपये की कुल 396 योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास किया। इसमें 11284.854 लाख रुपये की 165 योजनाओं का उद्घाटन और 17741.731 लाख रुपये की 231 योजनाओं की आधारशिला रखी। इस मौके पर उन्होंने कुल 37212 लाभुकों के बीच 9289.745 लाख रुपये की परिसंपत्तियां बांटी।