Sarhul Sobha Yatra: राजधानी में सरहुल शोभायात्रा (Sarhul Procession) को लेकर विभिन्न आदिवासी संगठनों ने तैयारियां शुरू कर दी है।
सरहुल की शोभायात्रा 11 अप्रैल को निकाली जाएगी जबकि 10 अप्रैल को सरना धर्मावलंबी उपवास पर रहेंगे। Sobha Yatra की तैयारी को लेकर बुधवार को केंद्रीय सरना समिति का बैठक केंद्रीय धुमकुड़िया भवन करमटोली में हुई।
मौके पर फूलचंद तिर्की ने कहा कि आदिवासी समाज पारंपरिक वेशभूषा, वाद्ययंत्र के साथ शोभायात्रा में शामिल होंगे। रांची में पहली बार 1970 में हातमा सरना स्थल से सिरमटोली तक कार्तिक उरांव और डॉ. रामदयाल मुंडा के नेतृत्व में शोभायात्रा निकाली गई थी।
प्रत्येक टोला से जुलूस में समाज के लोग शामिल होते हैं। Sarhul Sobha Yatra में शामिल होने वाले आदिवासी अगुवा को प्रोत्साहित भी किया जाएगा।
जुलूस में शामिल होने वाले के लिए बस, लाइट, शौचालय की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। शोभायात्रा पर पुष्प वर्षा हो इसके लिए सरकार से मांग की जाएगी।
रांची के मुख्य पाहन जगलाल पाहन ने कहा कि तीन दिवसीय प्रकृति पर्व सरहुल मनाया जाना है। उन्होंने कहा कि 10 को सरना धर्मावलंबी उपवास, 11 को सरहुल शोभायात्रा एवं 13 अप्रैल को घरों में फूलखोंसी कार्यक्रम होगा।
शोभायात्रा दिन एक बजे हातमा सरना स्थल से सिरमटोली सरना तक जाएगी। लाखों आदिवासी समाज Sirmtoli में माथा टेकेंगे और अपने घर परिवार की खुशहाली की कामना करेंगे।