कोलकाता: पश्चिम बंगाल के चार नगर निगम चुनावों में तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के गढ़ में उस धूल चटा दी है।
पिछले कुछ सालों से सिलीगुड़ी भाजपा का गढ़ रहा है, लेकिन यहां से बीजेपी विधायक शंकर घोष अपनी जमानत भी नहीं बचा सके।मतगणना में तृणमूल कांग्रेस ने चारो नगर निगम की सीटों पर कब्जा जमा लिया है।
सिलीगुड़ी, आसनसोल, विधाननगर और चंदननगर में 12 फरवरी को चुनाव हुआ था।सिलीगुड़ी पर पहले बहुत सालों तक बामपंथी दलों का कब्जा था लेकिन पिछले एक दशक से यह भारतीय जनता पार्टी का गढ़ बना हुआ था।2019 के लोकसभा चुनाव और 2021 के विधानसभा में भी भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी।
इस बार बीजेपी विधायक शंकर घोष खुद नगर निगम चुनाव में उतर गए थे लेकिन वे अपना जमानत भी नहीं बचा सके।
47 सीटों में तृणमूल कांग्रेस ने 37 सीटों पर अपना परचम लहराया।बीजेपी को सिर्फ 5 सीटों पर संतोष करना पड़ा, जबकि बामपंथी दलों के खाते में चार सीटें आईं हैं।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीत पर लोगों को धन्यवाद देकर कहा है कि सरकार आम जनता के लिए लगातार काम करती रहेगी।ममता सोमवार से अपनी तीन दिनों की बंगाल यात्रा पर निकल चुके हैं।
उन्होंने कहा, मैं आसनसोल, विधाननगर, चंदननगर और सिलीगुड़ी की जनता को ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पर भरोसा जताने के लिए दिल से धन्यवाद देती हूं।
ममता अपनी यात्रा के दौरान सिलीगुड़ी पहुंचकर राजबोंगशी समुदाय के प्रभावशाली नेता अनंत महाराज से मुलाकात की।
अनंत महाराज एक समय बीजेपी के करीब थे और पीएम नरेंद्र मोदी की सभा में भी आते थे। लेकिन अब वे तृणमूल के ज्यादा निकट हैं। उत्तर बंगाल के 54 विधानसभा क्षेत्रों में 30 प्रतिशत पर राजबोंगशी समुदाय का प्रभाव है।
राजनीतिक विश्लेषक विश्वनाथ चक्रवर्ती ने बताया कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद लोगों को लगता है कि अब बीजेपी को वोट देकर कोई फायदा नहीं होगा।
इस कारण लोगों ने तृणमूल पर भरोसा जताया है। हालांकि अगर आंकड़ों पर गौर करे तब चंदननगर के सॉल्ट लेक में प्रतिशत के हिसाब से लेफ्ट दूसरे स्थान पर रहा।
यहां तक कि आसनसोल में बीजेपी विधायक है लेकिन वहां से भी तृणमूल की जीत हुई है। उधर बीजेपी ने चुनाव में धांधली की शिकायत कर कोर्ट में शिकायत दर्ज की है।
बीजेपी के उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, नगर निगम चुनाव में तमाश हुआ है।हमें पहले से मालूम था कि ऐसा होने वाला है।