पटना: बिहार में सुशासन, शराबबंदी और लॉ एंड आर्डर की पोल खोलने के लिए विपक्ष की जरूरत नहीं पड़ रही है।
भाजपा के एक और सांसद ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पुलिस के कारनामों से नाराज सांसद थाने पर धरना देने पहुंच गये। उनका आरोप है कि नकारा पुलिस शराबबंदी के नाम पर मोटी धन उगाही कर रही है।
खुलेआम शराब बिक रही है और पुलिस निर्दोष लोगों को जेल भेज रही है।
मामला औरंगाबाद का है। औरंगाबाद से भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह शनिवार की देर शाम अपने क्षेत्र में रफीगंज थाने के सामने धरना पर बैठ गये।
उनके साथ भाजपा के विधान पार्षद राजन कुमार सिंह और पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता भी धरना पर बैठ गये।
सांसद पुलिस पर आग बबूला थे। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार की पुलिस नाकारा और घूसखोर हो गयी है।
खुलेआम शराब बिक रही है और पुलिस पैसा उगाही में लगी है।
सांसद ने खुद को प्रत्यक्षदर्शी बताते हुए कहा कि थानाध्यक्ष खुद अपने क्षेत्र में शराब बिकवा रहा है।
दरअसल, सांसद सुशील कुमार सिंह भाजपा कार्यकर्ता शिवनारायण साव को गिरफ्तार करने पर नाराज थे।
रफीगंज थाना पुलिस ने शराब पीने और रास्ता जाम करने के आरोप में भाजपा कार्यकर्ता शिवनारायण साव, डाकबंगला निवासी गुडडू चौधरी और माड़ीपुर निवासी देवनन्दन राम को गिरफ्तार किया था।
तीनों को देर रात थाने से ही जमानत पर छोड़ दिया गया।
आरोप है कि हिरासत में पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ता शिवनारायण साव की जमकर पिटाई भी की।
इससे भाजपा कार्यकर्ता नाराज हो गये और उन्होंने थाना के मुख्य दरवाजे के सामने पुलिसिया करतूतों के खिलाफ धरना शुरू कर दिया। सांसद सुशील कुमार सिंह भी इसी धरना में शामिल होने पहुंचे थे।
उन्होंने धरना के दौरान ही अपनी पार्टी के कार्यकर्ता शिवनारायण साव के बदन पर पुलिस की पिटाई से चोट के निशान भी दिखाये। सांसद ने पुलिस की बर्बर पिटाई की घोर निंदा की।
सुशील कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस ने जिस व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, उसने जिंदगी में कभी शराब पी ही नहीं।
सांसद ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने भी पुलिस के दबाव में आकर बगैर ब्रेथ एनेलाइजर के अल्कोहल की पुष्टि कर दी।
उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।
एसपी ने कहा- छानबीन करायेंगे
सांसद के गंभीर आरोपों के बाद औरंगाबाद के एसपी सुधीर कुमार पोरिका ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं।
एसपी ने बताया कि इस मामले में सांसद की ओर से मेमोरेंडम दिया गया है।
मामले की जांच एसडीपीओ को सौंपी गयी है। उनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जायेगी।