बीजिंग: नीम हकीम खतरे जान की कहावत तो आपने सुनी होगी ऐसा ही कुछ चीन के एक शख्स के साथ हुआ जब उसने कब्ज की परेशानी को दूर करने के लिए किसी झोला छाप डॉक्टर के कहने पर अपने मलद्वार के अंदर 20 सेंटीमीटर या 8 इंच लंबी ईल (मछली) डालना महंगा पड़ गया।
डॉक्टरों के मुताबिक यह जिंदा ईल मछली व्यक्ति के मलाशय में पहुंचने से पहले उसके पेट में फंस गई। डॉक्टरों ने बताया कि कब्ज की समस्या से निजात पाने के लिए किसी के कहने पर मरीज ने जिंदा मछली को अपने रेक्टम के अंदर डाल लिया था।
डॉक्टरों ने मरीज के पेट का ऑपरेशन किया और उसके अंदर से जिंदा मछली को बाहर निकाला।
उन्होंने चेतावनी दी कि मरीज की हेमोलिसिस से जान जा सकती थी। यह बीमारी तब होती है जब रेड ब्लड सेल्स नष्ट हो जाती हैं।
ऐसा तब होता है तब बड़ी आंत के बैक्टिरिया पेट तक पहुंच जाते हैं। यह खबर उस समय सामने आई जब पूर्वी चीन के जिआंग्सू प्रांत में मरीज की हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया।
मरीज के पेट में तेज दर्द हो रहा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीनी मरीज को शर्म आ रही थी, इसलिए वह शुरू में डॉक्टर के पास नहीं गया था। काफी देर तक दर्द से तड़पने के बाद उसने अस्पताल जाने का फैसला किया।
अभी तक इस बात के कोई साक्ष्य नहीं हैं कि मछली को रेक्टम में डालने से कब्ज में आराम मिलता है। इससे पहले पिछले साल एक अन्य चीनी व्यक्ति ने 16 इंच लंबी मछली को अपने मलद्वार में डाल लिया था।
यह जिंदा मछली चीनी व्यक्ति के आंत के जरिए घुसी थी और बाद में पेट के अंदर मर गई थी। करीब एक सप्ताह तक यह मछली चीनी व्यक्ति के पेट में रही थी।
व्यक्ति को पेट में तेज दर्द हुआ तो उसे गुआंगडोंग प्रांत के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों ने तुरंत उसका आपरेशन करके उसके पेट से मछली को निकाला। मछली के पेट के अंदर जाने से कई अंगों को काफी क्षति पहुंची थी। उसे तीन दिन तक गहन चिकित्सा इकाई में रखना पड़ा था।