न्यूयॉर्क: अमेरिकी सीनेट ने रविवार को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 6 जनवरी को कैपिटल हिल में हुई हिंसा की घटना को लेकर चलाए गए महाभियोग से बरी कर दिया है।
इस दौरान सीनेट में उन्हें इस घटना के लिए दोषी ठहराए जाने की प्रक्रिया को लेकर वोटिंग हुई, जिनमें से सात रिपब्लिकन सहित 57 सीनेटरों ने उन्हें दोषी ठहराया, जबकि उन्हें दोषी करार दिए जाने के लिए सीनेट के जरूरी दो तिहाई यानि कि 67 वोटों की जरूरत थी।
दरअसल, कैपिटल हिल में हिंसा की घटना में डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी ने अमेरिकी सीनेट में उनके खिलाफ दो महाभियोग प्रस्ताव पेश किए थे।
6 जनवरी को हुए इस हमले में दो पुलिस अधिकारियों सहित पांच लोगों की मौत हुई थी।
सीनेट में रिपब्लिकन नेता चक शूमर ने ट्रंप को बरी किए जाने के बाद कहा कि यह अमेरिका के इतिहास में एक कलंकित वोटिंग रहा।
6 जनवरी को जिस वक्त अमेरिकी कांग्रेस में यहां के नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को चुनाव में मिली जीत की पुष्टि के लिए सत्र चल रहा था, उसी वक्त ट्रंप के कुछ समर्थकों ने जाकर यहां हमला बोला और तोड़फोड़ की।
इस पर सदन में ट्रंप पर दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया, जिसके तहत उनके समर्थक न केवल सीनेट के कक्ष में घुस आए थे बल्कि स्पीकर नैंसी पेलोसी जैसे कई अधिकारियों के कार्यालयों में भी प्रवेश किया था।
सीनेट सत्र की अध्यक्षता कर रहे पूर्व उप राष्ट्रपति माइक पेंस सहित अन्य लोगों को बड़ी मुश्किल से वहां से निकाला गया था।
यह दूसरी बार है जब ट्रंप को महाभियोग से बरी किया गया।