ट्रंप की ‘GOLD CARD’ वीजा योजना : भारतीयों के लिए सुनहरा अवसर या बढ़ेंगी मुश्किलें?

Digital Desk
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#USA GOLD CARD Visa Scheme

USA GOLD CARD Visa Scheme: अमेरिका में बसने की चाह रखने वालों के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नई ‘गोल्ड कार्ड’ वीज़ा योजना का ऐलान किया है। इस योजना के तहत, जो भी अप्रवासी 5 मिलियन डॉलर (करीब 43.54 करोड़ रुपये) खर्च करेगा, उसे अमेरिकी नागरिकता आसानी से मिल जाएगी। हालांकि, यह नीति पहले से ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे भारतीय पेशेवरों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है।

ईबी-5 प्रोग्राम की जगह लेगा ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा

ट्रंप प्रशासन की यह नई योजना अमेरिका के मौजूदा ईबी-5 वीज़ा प्रोग्राम की जगह लेगी। अभी तक ईबी-5 प्रोग्राम के तहत विदेशी निवेशकों को अमेरिकी बिजनेस में 800,000 से 1,050,000 डॉलर का निवेश करना पड़ता था और साथ ही कम से कम 10 नए रोजगार सृजित करने होते थे। यह प्रोग्राम 1990 में शुरू किया गया था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस पर धोखाधड़ी और दुरुपयोग के आरोप लगे हैं।

अब ट्रंप की ‘गोल्ड कार्ड’ योजना में निवेश की रकम पांच गुना बढ़ाकर 5 मिलियन डॉलर कर दी गई है। इस नए नियम में नौकरियां पैदा करने की अनिवार्यता को भी हटा दिया गया है। इसके तहत नागरिकता तुरंत मिलेगी, जबकि ईबी-5 प्रोग्राम में इसमें 5 से 7 साल तक का समय लगता था।

भारतीयों के लिए क्या होगा असर?

इस योजना के तहत अमेरिकी नागरिकता पाने के लिए 5 मिलियन डॉलर (43.56 करोड़ रुपये) खर्च करने होंगे। इसका मतलब यह है कि सिर्फ भारत के सुपर-रिच बिजनेस टाइकून और बड़े उद्योगपति ही इसका फायदा उठा सकेंगे।

इसके विपरीत, वे कुशल भारतीय पेशेवर जो ग्रीन कार्ड के लिए दशकों से इंतजार कर रहे हैं, उनके लिए अमेरिकी नागरिकता की राह और मुश्किल हो सकती है। मौजूदा ईबी-5 प्रोग्राम के तहत आवेदक बैंक लोन या फंडिंग का सहारा ले सकते थे, लेकिन गोल्ड कार्ड वीज़ा के लिए पूरा पैसा पहले से ही कैश में जमा करना अनिवार्य होगा। इससे यह योजना भारतीय मध्यम वर्ग के लिए लगभग असंभव हो जाएगी।

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अमेरिका में अमीरों के लिए आसान, बाकी के लिए मुश्किल?

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा, “गोल्ड कार्ड वीज़ा के जरिए अमीर लोग अमेरिका आएंगे, वे पैसा खर्च करेंगे और नई नौकरियां भी लाएंगे।” लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि यह नीति अमेरिका में बसने की इच्छा रखने वाले मध्यमवर्गीय और पेशेवर अप्रवासियों के लिए एक और बाधा खड़ी कर सकती है।

क्या अप्रैल तक लागू हो सकती है योजना?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्रोग्राम अप्रैल तक लागू किया जा सकता है। शुरुआती दौर में 10 मिलियन गोल्ड कार्ड वीज़ा जारी होने की संभावना है। हालांकि, अभी तक अमेरिकी प्रशासन की ओर से इस पर आधिकारिक नीति और अंतिम नियमों की घोषणा नहीं की गई है।

क्या भारत से अमेरिका जाने वालों के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी?

अगर यह योजना लागू होती है, तो अमेरिका में काम करने और बसने के इच्छुक भारतीय पेशेवरों को ग्रीन कार्ड पाने में और देरी हो सकती है। इस नीति से सिर्फ अरबपतियों को अमेरिकी नागरिकता आसानी से मिल सकेगी, लेकिन बाकी लोगों को लंबी और जटिल प्रक्रिया से गुजरना होगा।

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