Tulsi Gabbard, first Hindu woman MP of US Congress: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में Donald Trump की जीत के बाद, उन्होंने प्रशासन के लिए कुछ जरुरी नियुक्तियां की हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की कि पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड (Tulsi Gabbard) को डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस (DNI) के रूप में नियुक्ति होगी।
गबार्ड, जो हाल ही में डेमोक्रेटिक पार्टी से रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हुई थीं, चार बार सांसद रह चुकी हैं और 2020 में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार भी थीं। तुलसी गबार्ड के पास पश्चिम एशिया और अफ्रीका के संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में तीन बार तैनाती का अनुभव भी है।
ट्रंप ने कहा, “मुझे यह घोषणा कर बेहद खुशी हो रही है कि पूर्व सांसद लेफ्टिनेंट कर्नल तुलसी गबार्ड DNI के रूप में सेवाएं देंगी।
उन्होंने दो दशकों से अधिक समय तक हमारे देश और हमारे स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी है। ट्रंप ने कहा कि गबार्ड को दोनों पार्टियों का व्यापक समर्थन प्राप्त है और रिपब्लिकन में उनके शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलेगी।
कौन हैं तुलसी गबार्ड?
तुलसी गबार्ड अमेरिकी कांग्रेस की पहली हिंदू महिला सांसद (Hindu Woman Parliamentarian) हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की कड़े शब्दों में निंदा की है। तुलसी का जन्म अमेरिका में हुआ था, और उनकी मां ने हिंदू संस्कृति के अनुसार उनका पालन-पोषण किया।
वे आजीवन शाकाहारी हैं और उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस में सदस्यता की शपथ भगवद गीता पर हाथ रखकर ली थी।
गबार्ड ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाले उत्पीड़न पर विशेष ध्यान दिया है।
2021 में उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस में प्रस्ताव पेश किया, इसमें बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इस प्रस्ताव में उन्होंने 1971 में पाकिस्तानी सेना द्वारा बांग्लादेश के हिंदुओं पर किए गए अत्याचारों का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने हजारों बंगाली हिंदुओं (Bengali Hindus) को मारा, प्रताड़ित किया और बेघर कर दिया। साथ ही, उन्होंने पाकिस्तान की जमीन का आतंकवाद के लिए उपयोग किए जाने पर भी चिंता जाहिर की थी।
तुलसी गबार्ड की नियुक्ति से यह उम्मीद है कि वह अमेरिका की सुरक्षा और खुफिया तंत्र को और मजबूत बनाएगी। उनकी हिंदू समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता और उनके व्यापक अनुभव से यह स्पष्ट है कि वे अपने देश के साथ-साथ वैश्विक सुरक्षा के मुद्दों पर भी सशक्त भूमिका निभाएंगी।