Soumya Vishwanathan Murder Case : साकेत कोर्ट में सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पाण्डेय ने 2008 में हुई टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या मामले (TV journalist Soumya Vishwanathan Murder Case) में सभी आरोपियों को दोषी करार दिया गया है।
कोर्ट ने की जमानत याचिका खारिज
अब 26 अक्टूबर को दोषियों को अदालत सजा सुनाएगी। मृतका सौम्या विश्वनाथन (Deceased Soumya Viswanathan) के पिता एमके विश्वनाथन और माता माधवी विश्वनाथन भी मौजूद हैं।
आरोपित अमित शुक्ला की ओर से दाखिल की गई अंतरिम जमानत की एक याचिका को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
कैसे हुई थी हत्या
पिछली सुनवाई पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पाण्डेय (Ravindra Kumar Pandey) ने फैसला सुनाए जाने के दौरान सभी आरोपितों को अदालत में शारीरिक रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया था।
बता दें कि सौम्या विश्वनाथन की 30 सितंबर, 2008 को सुबह लगभग 3.30 बजे उनकी कार में काम से घर लौटते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
ऐसे हुआ हत्या का पर्दाफाश
पुलिस ने बताया था कि जिगिशा घोष की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी से विश्वनाथन की हत्या के मामले (Vishwanathan murder case) का पर्दाफाश हुआ।
ट्रायल कोर्ट ने 2017 में जिगिशा घोष हत्या मामले में कपूर और अमित शुक्ला को मौत की सजा और बलजीत मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
हालांकि अगले वर्ष, उच्च न्यायालय ने रवि कपूर और अमित शुक्ला की मौत (Ravi Kapoor and Amit Shukla Death) की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था और जिगिशा हत्या मामले में बलजीत मलिक की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था।
हत्या के पीछे डकैती का था मकसद
पुलिस ने दावा किया था कि उनकी हत्या के पीछे डकैती का मकसद था, लेकिन पांच लोगों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को उनकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और वे मार्च 2009 से हिरासत में हैं।
पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ सख्त महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया था। बलजीत और दो अन्य – रवि कपूर और अमित शुक्ला को पहले 2009 में आइटी एग्जीक्यूटिव जिगिशा घोष (IT Executive Jigisha Ghosh) की हत्या में दोषी ठहराया गया था।