झारखंड

अवैध अल्ट्रासाउंड और बिना डिग्री कर रहे थे मरीजों का इलाज, दो गिरफ्तार

यहां बिना लाइसेंस के अल्ट्रासाउंड और अस्पताल का संचालन किया जा रहा था। जांच में पता चला कि अहर्ता नहीं रखने वाले लोग मरीजों का इलाज और अल्ट्रासाउंड जांच कर रहे थे। मौके पर भर्ती मरीजों को एमआरएमसीएच शिफ्ट कर दिया गया है

Illegal Ultrasound: मेदिनीनगर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (MRMCH) से महज 500 मीटर की दूरी पर अवैध रूप से संचालित ‘रक्षक इमरजेंसी हॉस्पिटल’ (Rakshak Emergency Hospital) को बुधवार को प्रशासन ने दोबारा सील कर दिया।

यहां बिना लाइसेंस के अल्ट्रासाउंड और अस्पताल का संचालन किया जा रहा था। जांच में पता चला कि अहर्ता नहीं रखने वाले लोग मरीजों का इलाज और अल्ट्रासाउंड (Treatment and Ultrasound) जांच कर रहे थे।

मौके पर भर्ती मरीजों को MRMCH शिफ्ट कर दिया गया है। इस कार्रवाई में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है।

पहले भी हो चुका था सील, फिर भी जारी रहा संचालन

इस अस्पताल को पहले भी 10 दिसंबर 2024 को सील किया गया था। बावजूद इसके, सील हटाकर धड़ल्ले से गैरकानूनी तरीके से मरीजों का इलाज जारी रखा गया।

जिले के विभिन्न इलाकों -छतरपुर, पाटन, लेस्लीगंज आदि से लोग यहां इलाज के लिए पहुंच रहे थे। अस्पताल की लोकेशन और संचालन को देखते हुए स्पष्ट संकेत मिले हैं कि इसमें स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मियों की मिलीभगत हो सकती है।

गुप्त सूचना पर प्रशासन की कार्रवाई

मेदिनीनगर सदर SDO सुलोचना मीणा को सूचना मिली थी कि इस अस्पताल में अवैध रूप से अल्ट्रासाउंड किया जा रहा है। इसके बाद SDO ने MRMCH के डॉ. एसके रवि और डीपीएम प्रदीप कुमार (DPM Pradeep Kumar) के साथ मौके पर छापेमारी की।

जांच के दौरान पाया गया कि अस्पताल के सभी दस्तावेज और डिग्रियां फर्जी थीं।स्टाफ के पास कोई प्रमाणिक जानकारी या आवश्यक योग्यता नहीं थी। बोर्ड पर जिन छह डॉक्टरों के नाम थे, उनमें से कोई भी मौजूद नहीं था।

दो गिरफ्तार, होगी कानूनी कार्रवाई

सदर SDO ने पत्रकारों को बताया कि अस्पताल से दो कर्मियों को हिरासत में लिया गया है और शहर थाना भेजा गया है। इस मामले में FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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